शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) के बाद विभागों के बंटवारों (Divisions of departments) में हो रही देरी ने सियासी गलियारों में हलचल मचाई हुई है। एक तरफ जहां विपक्ष घेराबंदी से नही चूक रहा है वही बड़े विभाग मिलने की आस लगाए बैठे सत्तापक्ष के मंत्री भी बड़ा बयान देकर पार्टी की हार्ट बीट बढ़ा रहे है। अब वरिष्ठ बीजेपी विधायक औऱ कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव (Senior BJP MLA and Cabinet Minister Gopal Bhargava) का बड़ा बयान सामने आया है। भार्गव का कहना है कोई साधु-संतों की जमात नहीं, सबकी अपनी महत्वाकांक्षा हैं इसलिए विभागों के बंटवारे में देरी हो रही है।
एक निजी चैनल से चर्चा के दौरान मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर उलझन पर गोपाल भार्गव ने सिंधिया समर्थकों (Scindia supporters)की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोई साधु महात्मा की जमात नहीं है, सब की महत्वाकांक्षा होती है।सिंधिया गुट के मंत्रियों को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा वह अपने दल के नेतृत्व से चर्चा कर चाहते हैं कि अच्छा विभाग मिले।इसी में विलंब हो रहा है।विभाग का बंटवारा कब होगा इस प्रश्न का सही उत्तर हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही दे सकते हैं।वही अपने विभाग को लेकर कहा कि मेरे पास तो हमेशा से सुखे विभाग ही रहे।शुरुआत में मेरे पास कृषि विभाग था, बाद में पंचायत विभाग मिला। पंचायत विभाग में न कोई केंद्रीय कृत टेंडर होता है, न परचेसिंग होती है, सीधा पैसा पंचायतों को जाता है।कई साथी हमारी रीति-नीति को समझ रहे हैं, हमें भी उन्हें जिम्मेदारियां देना हैं, इसलिए देरी हो रही है, लेकिन देरी के बाद मक्खन निकलेगा। उम्मीद है कि अनुभव और योग्यता को तरजीह दी जाएगी।
शत्रुघ्न पर पलटवार
वही शत्रुघ्न सिन्हा के सिन्हा के ट्वीट को लेकर कहा कि बीजेपी में कोई नाराज नही है ।सब पहले बीजेपी के सदस्य हैं, उसके बाद कोई महाराज है कोई शिवराज है।हर व्यक्ति की अपनी अलग हैसियत है, अलग पहचान है इसलिए कोई गुट बंदी नहीं है।बता दे कि शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को अपने ट्विटर पर लिखा था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी तीन खेमों में बंट गई है, पहला- महाराज, दूसरा- नाराज और तीसरा- शिवराज। शत्रुघ्न सिन्हा के इस सियासी तंज के बाद से ही सियासत गर्माई हुई है।
गोविंद सिंह का बचाव
सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की सभा में पैसे बांटने के आरोप पर भार्गव ने बचाव करते हुए कहा कि गरीब कार्यकर्ता है यदि 50 या 100 किलोमीटर दूर से आता है और उसे पेट्रोल के लिए पैसे दे दिए जाते हैं तो क्या होता है।100 किसी को दे भी दिए तो 100 रु की क्या कीमत है।कोई बड़ी घटना हो गई क्या?