भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आखिरकार महज 6 दिन में ही सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा है, स्कूल पूरी तरह आफ़लाइन खोलने के अपने फैसले को बदलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दिए है, कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन और पेरेंट्स के विरोध को देखते हुए 6 दिन में ही आदेश वापस ले लिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नया बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब स्कूल 100% की जगह 50% से ही चलेंगे। नया आदेश सोमवार से लागू होगा। पूरी तरह से स्कूल खोले जाने पर अभिभावकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी उनका कहना था की स्कूलों द्वारा ऑफलाइन क्लास अनिवार्य कर दिया गया है। वही बच्चों के संक्रमित होने पर किसी की जिम्मेदारी तय नहीं है। स्कूल ने पेरेंट्स को यह मैसेज भेजे। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास अटेंड करना अनिवार्य किया है।
Video : Salman फैंस ने थिएटर में की आतिशबाजी, पोस्टर पर चढ़ाया दूध, एक्टर ने की ये अपील
स्कूल शिक्षा विभाग ने फीस और स्कूल खोले जाने को लेकर दो आदेश जारी किए थे। इसमें स्कूलों को सभी अधिकार दे दिए थे। इसमें एक शर्त यह भी रखी गई थी कि बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पेरेंट्स की अनुमति जरूरी है। इसके बाद भी स्कूलों ने एकतरफा आदेश जारी करते हुए ऑफलाइन क्लास सभी बच्चों के लिए जरूरी कर दी थी। इन्हीं सभी बातों को देखते हुए शिवराज ने रविवार को स्कूलों को लेकर स्थिति स्पष्ट की।
एक्शन मोड में कृषि मंत्री कमल पटेल, कहा-नहीं बख्शा जाएगा खाद माफिया को
अब एक बच्चे को क्लास में सप्ताह में 3 दिन ही बुलाया जा सकता है। हालांकि सरकार स्कूलों को लेकर नए निर्देश के पीछे कोरोना के बढ़ते असर को कारण बता रही है। लेकिन वही सरकार के इस फैसले के बाद से पूरे प्रदेश में लगातार अभिभावक अपना विरोध जता रहे थे वही भोपाल में तो कुछ निजी स्कूलों के ऑनलाइन क्लास बंद कराए जाने के बाद पेरेंट्स सड़क पर उतर आए थे। स्कूल प्रबंधन से लेकर कलेक्टर तक से पहली बार पेरेंट्स ने नाम से लिखित शिकायत की। इधर, अब एसोसिएशन ऑफ अन-ऐड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश के सचिव बाबू थॉमस का कहना है कि वे सरकार के निर्णय के साथ हैं। कोरोना को देखते हुए अभी प्राइमरी की क्लास पूरी क्षमता से नहीं खोले जाने चाहिए।