भोपाल।
मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 से सरकारी (government) अधिकारी कर्मचारियों के प्रमोशन (pramotion) पर रोक लगी है। वजह है उच्चतम न्यायालय (supreme court) में इस मामले में चल रहा मामला। इसके चलते हजारों कर्मचारी बिना प्रमोशन पाऐ रिटायर हो गए हैं। कमलनाथ (kamalnath) सरकार ने यह वचन दिया था कि वह इस मामले का जल्द कोई न कोई समाधान निकालेगी और अब इसी दिशा में सरकार एक बड़ा काम करने जा रही है।
पहले चरण में राज्य की सरकार प्रदेश के उन 12 हजार सब इन्जीनियरो (sub engineer) को असिस्टेंट इंजीनियर यानी सहायक यंत्री का पदनाम देने जा रही है जिनकी सेवा 28 साल पूरी हो चुकी है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इनका पदनाम ही सब इंजीनियर का हो लेकिन यह लोग सुपरिडेंट इंजीनियर के बराबर तनखा पा रहे हैं ।
इसका लाभ मध्य प्रदेश के ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण और जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों को मिलेगा। इससे सरकार पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं आएगा और कर्मचारियों अधिकारियों की मांग भी पूरी हो जाएगी। यदि यह फार्मूला सफल रहा तो फिर दो हजार संवर्गों में कार्यरत एक लाख से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों के लिए भी यह फार्मूला लागू किया जाएगा और इस तरह उनकी मांगे पूरी हो जाएगी।