भोपाल| मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारियों की जमावट सरकार अपने हिसाब से कर रही है| सालों से एक ही जगह जमे अफसरों समेत कई दर्जन अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं| वहीं कई अधिकारियों को तो एक माह के भीतर ही दो बार तबादले कर दिए| जिसको लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है| कमलनाथ सरकार पर तबादला उद्योग चलाने के आरोप लग रहे हैं| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बाद अब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अधिकारियों को ‘मेरे-तुम्हारे’ के खेल के बीच नहीं लाना चाहिए। सरकार को प्रदेश में कानून और व्यवस्था की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।
शिवराज ने ट्वीट कर सरकार पर तबादलों को लेकर निशाना साधा है| उन्होंने लिखा कि “प्रदेश में प्रशासनिक ऊहापोह की स्थिति हो गई है। अधिकारियों के तबादले करने का क्रम जारी है। यह मुख्यमंत्री की रणनीति है या कोई और सुपरपावर इसके पीछे है, यह भी एक बड़ा सवाल है। मुझे लगता है कि यह सब छोड़कर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए”। उन्होंने लिखा आईएएस और आईपीएस का काम सरकार की नीतियों को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने और जनता को योजनाओं का लाभ पहुँचाने का होता है। अधिकारियों को ‘मेरे-तुम्हारे’ के खेल के बीच नहीं लाना चाहिए। बेहतर यही होगा कि जो अधिकारी जिस पद के योग्य हो, उसे वहाँ बरकरार रखा जाए”।
पूर्व सीएम ने भाजपा सरकार की योजनाओं को बंद करने पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार गरीबों के कल्याण की योजनाओं का गला घोंटने में लगी है।राज्य बीमारी सहायता योजना को बंद कर दिया। हम सब आयुष्मान भारत के माध्यम से गरीबों के इलाज में मदद करें या ऐसे कोष की स्थापना करें, जिससे असहाय पीड़ितों की मदद हो सके, क्योंकि हम किंकर्तव्यविमूढ़ होकर नहीं बैठ सकते हैं।