भोपाल| होम्योपैथिक पद्धति (Homeopathic method) से कोरोना (Corona) का इलाज का दावा सरकार को भारी पड़ रहा है| पिछले दिनों भोपाल जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर (Bhopal Collector) के ट्विटर हैंडल से किये गए एक ट्वीट में दावा किया था कि ‘शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय’ से 6 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे| इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं| वहीं कांग्रेस (Congress) ने इसको बेहद गंभीर अपराध मानते हुए केंद्र सरकार से शिकायत करने की बात कही है|
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया कोर्डिनेटर अभय दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश कांग्रेस एक गंभीर और प्रामाणिक आरोप मध्यप्रदेश भाजपा सरकार पर लगा रही है और इसकी शिकायत केंद्र सरकार को भी की जाएगी। अप्रैल माह में आयुष मंत्रालय ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है कि अगर किसी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रेक्टिशनर को क्लीनिकल ट्रायल करना है तो उसे ICMR गाइडलाइन के तहत क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री में रजिस्टर्ड करना होगा साथ ही 1 अप्रैल को आयुष मंत्रालय ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33 P का इस्तेमाल करते हुए सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि अगर किसी ने भी प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ये प्रचारित किया कि कोविड -19 का उपचार आयुष से किया है तो वह डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपराधिक कृत्य माना जायेगा।
सरकार के दावे पर सवाल
श्री दुबे ने कहा कि बीते 25 मई को शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने अपने जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जो दावा किया है वह भयावह है और अपराध की स्वीकारोक्ति है । इस समाचार में बताया गया है कि शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, जो कि कोविड केयर सेंटर है, ने होमियोपैथिक पद्धति से कोविड पॉज़िटिव मरीजों का उपचार किया है और बच्चों को तो सिर्फ़ होमियोपैथी की दवाई ही दी गई।ये बेहद गंभीर अपराध है ।
एक और महामारी ‘हॉर्स ट्रेडिंग -22’
अभय दुबे ने कहा डब्लूएचओ ने 12 मार्च को सार्स कोविड -2 (कोविड -19) को एक घातक वैश्विक महामारी करार दिया। मगर एक और महामारी मध्यप्रदेश में 23 मार्च को आई है, इस महामारी का नाम है ‘हॉर्स ट्रेडिंग -22’ और सत्ता की भूख का ये ‘हॉर्स ट्रेडिंग -22’ वाइरस प्रदेश की जनता के लिए उतना ही घातक है जितना सार्स कोविड -2 , सही मायने में इस हॉर्स ट्रेडिंग -22 ने मध्यप्रदेश में महामारियों का राज स्थापित कर दिया है ।
कोरोना के आंकड़े छुपा रही सरकार
श्री दुबे ने कहा कि हाल ही में ऐम्स दिल्ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एडुकेशन एंड रिसर्च पुणे की रिपोर्ट कहती है कि जब लॉक डाउन खोलना है तो अधिक से अधिक टेस्टिंग करने से ही हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं क्योंकि बगैर लक्षण के मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं जिनसे संक्रमण फैल रहा है । श्री दुबे ने कहा कि आज प्रदेश के 47 जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीज़ हैं । मध्यप्रदेश में कोरोना मृत्यु दर पूरे देश में गुजरात के बाद सबसे अधिक है। हम इंदौर और भोपाल को छोड़ दें तो प्रत्येक जिले में लगभग 80 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं और कुछ जिलों में तो टेस्टिंग नगण्य है । महामारी तेजी से पैर पसार रही है, और शिवराज, महाराज की सत्ता पैर पसारे राजनीति का खेल रही है । आज प्रदेश में सब कुछ छुपाया जा रहा है , टेस्ट की संख्या , पॉज़िटिव मरीजों की संख्या , सब कुछ । प्रदेश सरकार तुरंत RTPCR APP ,जो ICMR का है , जिसमें रोज़ टेस्ट की संख्या और पॉज़िटिव मरीजो की संख्या लेबोरेटरी द्वारा दर्ज की जाती है, उसे सार्वजनिक करे|