भोपाल।
एमपी(madhypradesh) के 12 वीं के छात्रों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहा(cm shivraj singh chouhaan)न ने बड़ा ऐलान किया है।जिसके तहत 12वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वाले पांच हजार छात्रों(student) को 30 हजार रुपये दिए जाएंगे।यह लाभ शिवराज सरकार द्वारा शुरु की गई मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना ‘संबल’ द्वारा मिलेगा। बता दे कि यह सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार(kamalnath government) ने इस योजना को बंद कर दिया था लेकिन शिवराज(shivraj) ने प्रदेश मे बीजेपी(bjp) की सरकार बनते ही इसे फिर से लागू कर दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुरानी सरकार ने संबल योजना बंद कर दी थी इसलिये संबल योजना पुन: प्रारंभ कर रहे हैं। योजना के कार्ड रद्द कर दिये थे, अब यह कार्ड फिर काम आयेंगे। संबल योजना के तहत हितग्राही सदस्यों के ऐसे 5 हजार बच्चें जो 12वीं में सर्वाधिक अंक लाएंगे उन्हें 30-30 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। कक्षा 12वीं के बाद उच्च संस्थानों आई.आई.टी., आईआईएम, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश होने पर उनकी फीस की व्यवस्था भी सरकार करेगी।वही राज्य सरकार द्वारा संबल योजना के हितग्राहियों को खेल-कूद में प्रोत्साहन दिया जाएगा। योजना में पंजीकृत परिवार के ऐसे सदस्य जो अखिल भारतीय विश्वविद्यालयीन राष्ट्रीय खेल कूद प्रतियोगिता में भाग लेते है तो उन्हें 50 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिंदगी के पहले जिंदगी के बाद ‘संबल योजना’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्म से मृत्यु तक साथ निभाने वाली इस अभिनव योजना का उद्देश्य गरीब एवं अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत गर्भवती को प्रसव के पूर्व 4 हजार रुपए और प्रसव के पश्चात 12 हजार रुपए हितग्राही को दिए जाएंगे। पोषण आहार दिया जाएगा एवं बच्चों की शिक्षा नि:शुल्क होगी, आठवीं तक नि:शुल्क किताबें, यूनीफार्म, मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत हितग्राहियों को मुख्य रूप से सामान्य और असामयिक मृत्यु पर 2 लाख रूपये, दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये, स्थायी अपंगता पर 2 लाख रूपये एवं आंशिक स्थायी अपंगता में एक लाख रूपये की सहायता देने का प्रावधान है। हितग्राही की मृत्यु होने पर उसके परिजन को 5 हजार रूपये अंत्येष्टि सहायता और लघु व्यवसाय के उन्नयन में मदद दिलाना था। इस योजना को और अधिक व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए इसके प्रावधानों पर पुनर्विचार किया जा रहा है।