भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में इस साल 2022 में सिंगल यूज़ प्लास्टिक (single use plastic) का उपयोग पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है उसने राज्य सरकारों से भी इसका कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने इसी क्रम में फैसला लेते हुए 01 जुलाई से सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रतिबंधित (single use plastic banned) करने की घोषणा की है।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 में एक जुलाई से सिंगल यूज़ प्लास्टिक वस्तुओं का विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग प्रतिबंधित (Ban on sale of single use plastic) हो जायेगा। इसमें प्लास्टिक स्टिक वाली इयर-बड्स, गुब्बारों के लिये प्लास्टिक की डंडियाँ, प्लास्टिक के झंडे, केंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियाँ, पॉलीस्टाइरीन (थर्माकॉल) की सजावटी सामग्री, कप-प्लेट, गिलास, काँटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डब्बे, आमंत्रण-पत्र, सिगरेट पैकेट को पैक करने वाली रेपिंग फिल्म, 100 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बेनर और स्टिरर्स का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
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प्लास्टिक के केरी बैग की मोटाई 30 सितंबर 2021 से 50 माईक्रॉन से बढ़ाकर 75 माइक्रॉन कर दी गई थी, जो 31 दिसंबर 2022 से 120 माईक्रॉन हो जाएगी। ऐसी सभी तरह की सिंगल यूज़ प्लास्टिक, जो उपयोगी कम है, पर कचरे के रूप से चिरकाल तक रहती हैं, के साथ पॉलीस्टाइरीन और विस्तारित पॉलीस्टाइरीन को प्रतिबंधित किया जा रहा है। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को विस्तृत कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वयन के निर्देश दिये गये हैं।