कैबिनेट के फैसले से असंतुष्ट अतिथि विद्वान, नियमितीकरण तक जारी रहेगा आंदोलन

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भोपाल। नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों ने कैबिनेट में लिए गए फैसले को भी ठुकरा दिया है| अतिथि विद्वानों ने बुधवार से राजधानी के शाहजहांनी पार्क में धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता है, उनका धरना जारी रहेगा। 

अतिथि विद्वानों का मामला बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में उठा और राज्य शासन ने कैबिनेट की बैठक में अतिथि विद्वानों को कॉलेज से न निकालने के साथ लोक सेवा आयोग के जरिए होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में 20 अंक बोनस के तौर पर देने का निर्णय लिया है। लेकिन इससे वे संतुष्ट नहीं हैं। नीलम पार्क में प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों ने कैबिनेट के इस फैसले को अस्वीकार कर दिया है। उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। 

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले नियमितीकरण का वचन दिया था। अब इस वचन को पूरा किया जाय|  कांग्रेस की सरकार वादा खिलाफी कर रही है।  जब लोक सेवा आयोग के जरिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर पद ग्रहण करने पहुंच रहे हैं तो उन्हें कॉलेज से निकाल दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने जिस कॉलेज में वर्तमान में जहां अतिथि विद्वान पढ़ा रहे हैं, वहां पद नहीं होने की स्थिति में नजदीक के कॉलेज में शिफ्ट करने का जो निर्णय लिया है, उससे भी सहमत नहीं है। अतिथि विद्वानों का कहना है कि उनका मानदेय इतना नहीं है कि वे अपने घर से दूर जाकर अन्य किसी कॉलेज में अपनी सेवाएं दे सकें। राज्य शासन को या तो हमें नियमित कर देना चाहिए या फिर आदेश जारी करना चाहिए कि 65 वर्ष की आयु पूरी करने तक किसी भी अतिथि विद्वान को कॉलेज से नहीं निकाला जाएगा।  उनकी मांग है कि जिस कॉलेज में वे अभी पढ़ा रहे हैं, उसी कॉलेज में नियमित किया जाए।


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