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Sun, Dec 21, 2025

उच्च शिक्षा विभाग का कड़ा एक्शन, सार्थक ऐप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले 6 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त

Written by:Atul Saxena
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उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर 6 अतिथि विद्वानों को सार्थक ऐप पर छेड़खानी कर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के कारण तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया गया है। ये अतिथि विद्वान संस्था में न होकर, अन्यत्र स्थान से अमर्यादित रूप से सार्थक ऐप पर उपस्थिति लगाते हुए पाए गए।
उच्च शिक्षा विभाग का कड़ा एक्शन, सार्थक ऐप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले 6 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त

उच्च शिक्षा विभाग ने कड़ा एक्शन लेते हुए 6 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, इन अतिथि विद्वानों ने सार्थक ऐप से छेड़छाड़ कर अपनी फर्जी अटेंडेंस अपलोड कर दी थी जो विभाग की जाँच में पकड़ में आ गया, मामला उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने नाराजगी जताई जिनके आदेश पर इन सभी 6 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त कर दी गई।

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग ने विदिशा जिले के गंजबासौदा स्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय में आमंत्रित 6 अतिथि विद्वानों को सार्थक ऐप पर छेड़खानी कर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के कारण तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया है। ये अतिथि विद्वान संस्था में न होकर, अन्यत्र स्थान से अमर्यादित रूप से सार्थक ऐप पर उपस्थिति लगाते हुए पाए गए।

इन 6 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्ति के आदेश 

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक परिवेश को दूषित करने को गंभीरतापूर्वक लेकर, विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। उक्त निर्देश के अनुपालन में, उच्च शिक्षा विभाग ने इन अतिथि विद्वानों के आमंत्रण को तत्काल निरस्त करने के निर्देश जारी किए है। फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले इन अतिथि विद्वानों में  प्रकाश चंद मौर्य, हेमंत कुमार अहिरवार,  हेमंत कुमार सक्सेना, सूर्यकांत शर्मा, डॉ. सरताज मंजू पर्रे एवं संजय कुमार राय हैं।

आयुक्त ने हाल ही में दिए ये निर्देश 

बता दें कि उच्च शिक्षा आयुक्त ने कल शुक्रवार को ही प्रदेश के महाविद्यालयों के प्रिंसिपल्स को निर्देश दिए हैं कि शासन के निर्देशानुसार जो अतिथि विद्वान पिछले शिक्षण सत्र में पढ़ा रहे थे वे इस शिक्षण सत्र में भी नियमित रहेंगे उनकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाये, एक तरफ सरकार अतिथि विद्वानों के बारे में सोच रही है और दूसरी तरफ इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आना बहुत निंदनीय है एक शिक्षक इस तरह फर्जीवाड़ा करेगा तो वो अपने विद्यार्थियों को क्या शिक्षा देगा सोचने का विषय है।