भोपाल
भोपाल के जे पी हॉस्पिटल (jp hospital) में पदस्थ कोविड 19 के नोडल आफिसर डॉक्टर वी के दुबे (dr.vk dubey) का सरकारी बंगला सपंदा संचालनालय विभाग ने जबरदस्ती खाली करवाया है। विभाग की मानें तो सरकारी बंगले (bunglow) में निजी क्लिनिक (private clinic) चलाने की शिकायत के बाद यह कार्यवाही की गई है, वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर दुबे का आरोप है कि झूठी शिकायतें कर बंगला खाली कराया गया है। हालांकि विभाग का दावा है कि जनवरी में ही डॉक्टर दुबे को मकान खाली करने का नोटिस दिया गया था लेकिन उसके बावजूद उन्होंने सरकारी मकान खाली नहीं किया। वहीं दूसरी तरफ इस मामले की शिकायत डॉक्टर दुबे ने पहले ही संपदा विभाग के उच्च अधिकारियों से की थी और मामला याचिका दायर करने के बाद मामला पेंडिंग में था। लेकिन मामले में कोई फैसला आता उससे पहले ही विभाग के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ शिवाजी नगर स्थित डॉक्टर दुबे के सरकारी आवास को खाली करवा दिया।
खास बात यह है कि जब विभाग की टीम बंगला खाली करवाने पहुँची तो डॉक्टर दुबे की बुजुर्ग सास और बेटी बंगले में मौजूद थे। लेकिन उन्हें भी बाहर निकाल दिया गया और घर के अंदर रखा सामान भी बाहर फेंक दिया गया। फिलहाल डॉक्टर वी के दुबे पर हुई इस कार्यवाही से मध्य प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन (madhya pradesh medical association) बेहद नाराज है। एसोसिएशन के संरक्षण डॉक्टर ललित श्रीवास्तव (dr.lalit shrivastava) ने चेतावनी दी है कि डॉक्टर दुबे के साथ कि गई कार्यवाही पूरी तरह गलत है। अगर समय रहते सरकार संबंधित विभाग को बंगला अलॉट करने का आर्डर नही देती है तो डॉक्टर्स कोई कड़ा कदम उठा सकते है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही प्रशासन ने फूल बरसा कर डॉक्टर दुबे और अन्य साथियों का सम्मान किया था। कोरोना संक्रमण काल में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने भी कहा है कि इस कठिन समय में सरकारी आवास या किराए के मकान खाली न करवाये जाए, उसके बावजूद संपदा विभाग ने यह कार्यवाही की। बताया जा रहा है बंगला सीएम हाउस में काम करने वाले एक कर्मचारी की लेक्चरार पत्नी को अलॉट किया गया है।