भोपाल | विधानसभा का शीत कालीन सत्र अगले महीने 17 तारिख से शुरू हो रहा है| अनेकों मुद्दों को लेकर बीजेपी विधायक सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बना रही है| वहीं सवालों को माध्यम से सरकार को घेरने की योजना है| पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने एक ऐसा सवाल पूछा है जिसको लेकर सदन में बीजेपी सरकार की घेराबंदी कर सकती है, वहीं जानकारी इकठ्ठा करने में ही सभी विभागों के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, कांग्रेस सरकार थोकबंद तबादलों को लेकर शुरुआत से ही विपक्ष के निशाने पर रही है, इससे जुड़ा प्रश्न अब सदन में उठाया जाएगा| पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शर्मा ने सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए थोकबंद तबादलों को लेकर सरकार को घेरते हुए एक सवाल पूछा है जिसमें उन्होंने सांसद, विधायक और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की सिफारिश पर हुए आईएएस, एसएएस और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों और उस पर हुए खर्च की जानकारी मांगी है। इसको लेकर हड़कंप मच गया है|
सीतासरन शर्मा का सवाल काफी पेचीदा भी है जिसकी जानकारी जुटाना भी विभागों के लिए मुश्किल हो रहा है| सूत्रों के मुताबिक कई विभागों ने सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए विधानसभा सचिवालय से इस सवाल को अग्राहय करने का अनुरोध किया था लेकिन सचिवालय ने इस सवाल को अग्राह्य करने से इंकार करते हुए इसकी पूरी जानकारी मांगी है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर सारी जानकारी देने को कहा है।
सवाल में पूछी यह जानकारी मांगी
शर्मा ने जानकारी चाही है कि पंद्रह दिसंबर 2018 से जून 2019 के बीच प्रदेश में कितने तबादले किए गए। इनमें कितने भारतीय प्रशासनिक सेवा, कितने राज्य प्रशासनिक सेवा और कितने तबादले इन दोनो से अलग अधिकारियों-कर्मचारियों के थे। उन्होंने यह भी पूछा है कि इनमें से कितने तबादले तबादला बोर्ड की अनुशंसा पर किए गए है। शर्मा ने यह भी पूछा है कि सांसदों, विधायकों और राजनीति दल के प्रतिनिधियों की अनुशंसा पर जिन अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले किए गए है उनके नाम सहित जानकारी दी जाए। उन्होंने श्रेणीवार प्रत्येक कर्मचारी के तबादले पर उरन्हें दी जाने वाली राशि की जानकारी भी मांगी है।