करियर| सीबीएसई के बाद अब एमपी बोर्ड ने 10वीं एवं 12वीं के परिणामों की घोषणा कर दी है। परिणामों के आते ही अब छात्रों के मन में अपने भविष्य को लेकर काफी चिंताए हैं। यहाँ हम 10वीं की परीक्षा पास कर चुके छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहें है। ‘दसवीं क्लास की परीक्षा के बाद क्या करें, किस विषय का चयन करें, किस प्रोफेशनल कोर्स का चयन करें ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो दसवीं पास छात्रों के दिमाग में उठते हैं और इन सभी सवालों क वजह से परेशान रहते हैं इस लिए इस दौरान ऐसे प्रश्नों के विषय में सोंचकर परेशान होना स्वाभाविक है क्योंकि इस समय वे एक ऐसी राह पर खड़े हैं जहाँ उनका एक निर्णय सुखी और समृद्ध बना सकता है तो वहीँ गलत निर्णय उनके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
आप को किस स्ट्रीम का चयन करना चाहिए?
हाई स्कूल के बाद सबसे कठिन निर्णय यही होता है कि किस स्ट्रीम का चुनाव किया जाए सही स्ट्रीम का चुनाव करना बहुत जरुरी है
साइंस
साइंस अथवा विज्ञान, 10 वीं पास अधिकांश हर छात्रों का पसंदीदा विषय होता है। यह स्ट्रीम स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करती है। दसवीं के बाद विज्ञान विषय चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे लेने के बाद आगे चलकर आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते है। इसके विपरीत अगर आपने 12 वीं तथा ग्रेजुएशन आर्ट्स या कॉमर्स से की है तो आप भविष्य में साइंस नहीं ले सकते। जबकि साइंस स्ट्रीम वाले पुनः किसी भी स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं।
कंप्यूटर विज्ञान, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ ऐच्छिक विषयों के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और गणित जैसे आधारभूत विषयों का चयन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स द्वारा चुने गए इंस्ट्रक्शन के भाषा के आधार पर उन्हें एक अनिवार्य भाषा का भी चुनाव करना होगा. साथ ही क्लास में थियरी की पढ़ाई के अतिरिक्त लेबोरेट्री में प्रैक्टिकल भी करना होगा। यदि आप इंजीनियरिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आप पीसीएम मूल विषयों के रूप में चुन सकते हैं, यदि आप मेडिसिन में रुचि रखते हैं तो आप पीसीएमबी ले सकते हैं।
कॉमर्स
यदि स्टूडेंट स्टैटिक्स, फायनांस या इकोनॉमिक्स के फील्ड में जाना चाहते हैं तो इस स्ट्रीम का चुनाव करना होगा। अगर करियर की बात की जाए तो कॉमर्स स्ट्रीम से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट्स, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार जैसे कुछ सबसे अधिक आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है। कॉमर्स स्टूडेंट्स के रूप में आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडी और बिजनेस लॉ आदि मुख्य विषयों का अध्ययन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्ट्रीम के एक हिस्से के रूप में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, इनकम टैक्स, मार्केटिंग और जेनरल बिजनेस इकोनोमिक्स में आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
आर्ट्स
इस क्षेत्र में अवसरों की भरमार है। अधिकतर स्टूडेंट्स आर्ट्स विषय लेना पसंद करते हैं। यह कुछ रोचक ऑफ-बीट और रोमांचक कैरियर के अवसर प्रदान कर रही है। आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास अन्य स्ट्रीम की भांति ही आकर्षक और संतोषजनक करियर विकल्प मौजूद हैं। एक आर्ट्स का स्टूडेंट जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन और कई अन्य करियर विकल्पों का चयन कर सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
चाहे आप कोई भी स्ट्रीम चुन रहें हों, सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इसके अंतर्गत कवर किए गए विषयों में दिलचस्पी रखते हैं या नहीं। अपनी रुचियों का आकलन करने के बाद,आपके लिए दूसरा कदम अपने स्किल्स और क्षमताओं का आकलन करना है। यदि आप केवल अपनी रुचि के आधार पर एक एक स्ट्रीम चुनते हैं लेकिन इसमें शामिल विषयों को समझने का सही स्किल और क्षमता आपमें नहीं है। तो भविष्य में यह आपके लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए हमेशा अपने स्किल्स और क्षमताओं का पूर्ण विश्लेषण करें, अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी स्ट्रीम का चयन करना चाहिए।
प्रोफेशनल काउंसेलर की मदद लें
यदि आप स्ट्रीम के चयन को लेकर अभी भी भ्रमित हैं, तो आपको प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर से सलाह लेनी चाहिए। प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर आपको हमेशा सही सलाह देंगे तथा सही स्ट्रीम के चयन में आपकी भरपूर मदद करेंगे।
कुछ अन्य बातें
शिक्षा क्षेत्र में बहुत विविधता देखने को मिली है, इसकी वजह से दसवी के बाद कई सुनहरे करियर विकल्प मौजूद हैं। कई ऐसे शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यहां तक कि कुछ प्रोफेशनल कोर्सेज भी हैं जिन्हें आप अपनी दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद चुन सकते हैं। एक दसवीं के छात्र होने के नाते यह हो सकता है कि आपको भविष्य में मिलने वाले सभी अवसरों तथा उसके अंतर्गत आने वाली चुनौतियों का सही ज्ञान न हो, तो ऐसी परिस्थिति में किसी काउंसेलर की मदद लें।