भोपाल। अपने अजब गजब फरमान को लेकर कई बार चर्चा में रही मध्यप्रदेश की सीनियर आईएएस अधिकारी दीपाली रस्तोगी एक नए आदेश को लेकर फिर चर्चाओं में हैं| अब तक शायद ही किसी अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारियों के लिए ऐसी चिंता की होगी| बंद कमरे में कामकाज करने वाले कर्मचारियों को सूर्य के दर्शन नहीं होते हैं, जिसका असर स्वास्थ्य पर पड़ सकता है यही चिंता है महिला अधिकारी को है और उन्होंने इसको लेकर आदेश भी जारी किया है|
दरअसल, मध्यप्रदेश जनजातीय कार्य विभाग की आयुक्त और सीनियर आईएएस अधिकारी दीपाली रस्तोगी ने अपने कर्मचारियों को आदेशित किया है कि वो लंच टाइम में धूप में जाएं ताकि विटामिन डी मिल सके। आयुक्त ने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को एक आदेश जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है| इसमें कहा गया है कि कार्यालय के सभी कर्मचारी सुबह से शाम तक अपने कर्तव्यों का पालन करते है। इस बीच वे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में नही रह पाते है, इसलिए कार्यालय के सभी कर्मचारी-अधिकारी दोपहर के खाने के बाद या जब भी समय मिले कार्यालय की छत पर जाएं और सूर्य की किरणों से विटामिन डी ग्रहण करे, जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़े है।
सिर्फ इन तीन बैंकों में ही खाते खोल जाए
वही उनके एक और आदेश ने शिक्षक समिति और मेस संंचालकों में हड़कंप मचा रखा है। आयुक्त ने कहा है कि सिर्फ तीन बैंकों में ही खाते खोले जाए।आयुक्त ने विभाग के सभी सहायक आयुक्त और जिला संयोजकों को आदेश जारी किया है।जिसमें कहा गया है कि सभी छात्रावासों और आश्रमों में संचालित पालक शिक्षक समिति और मेस संचालन के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही खाते खोले जाए। आयुक्त ने सभी पर दबाव बनाते हुए कहा है कि खाते केवल स्टैट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब बैकं में ही खोले जाए। इस आदेश के पीछे विभाग की मंशा स्पष्ट की गई है कि विभागीय योजनाओं को कम्प्यूटरीकृत करने की प्रक्रिया जारी है।इसके तहत ही छात्रावास का मॉड्यूल ऑनलाइन किया जाना है।इसके लिए जरुरी है कि छात्रावासों के संचालित खाते ऑनलाइन अथवा इटरनेट बैकिंग सुविधा वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाते खोले जाना है।
बता दें कि अपने आदेशों के साथ ही आईएएस दीपाली रस्तोगी अपने एक लेख को लेकर भी सुर्ख़ियों रहीं थी| उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखा था जिसमे उन्होंने नौकरशाहों की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे, जिस पर काफी बवाल भी हुआ था| आदिम कल्याण विभाग की आयुक्त दीपाली रस्तोगी अपने बेबाक विचारों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने लिखा था राजनीतिक आका के बोलने से पहले ही अफसर उसकी इच्छा जान ले, उसके अमल के लिये तैयार हो जाए। आदिम कल्याण विभाग की कमिश्नर दीपाली रस्तोगी ने लेख में कहा कि नेताओं के डर से ऐसे अधिकारी मुंह नहीं खोलते। समाज सेवा करने के लिए बने आईएएस सेवा का व्यवहार ही नहीं करते। हम लोग लोक सेवक हैं, लोक सेवा नहीं करते, देश से कोई लगाव भी नहीं। हमारे बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं और लग्जरी जीवन जी रहे हैं। अगर देश में न्याय सही मिलता तो हमारी कौम बहुत ही पहले खत्म हो जाती या दुर्लभ हो गई होती। लोग हमारा सम्मान सिर्फ इसलिए करते हैं, क्योंकि हमारे पास नुकसान और फायदा पहुंचाने की ताकत होती है। हम लोगों की कोई दूरदृष्टि नहीं, नेताओं को खुश करने वाले निर्णय लेते हैं। व्यवस्था सुधारने के लिए दरअसल हम काम ही नहीं करते और यह डर रहता है कि व्यवस्था बेहतर कर दी तो कोई पूछेगा ही नहीं।