फिर चर्चा में IAS नियाज़ खान, अजीज कुर्रेशी के बयान पर किया पलटवार, बोले- भारत 80% हिंदू आबादी वाला देश

Atul Saxena
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MP News : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मप्र उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन एवं तीन राज्यों के राज्यपाल रह चुके अजीज कुर्रेशी के  कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व से जुड़े बयान के बाद मध्य प्रदेश में सियासी पार हाई है, विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी पर निशाना साधने वाले अजीज कुर्रेशी अपने बयान पर कायम हैं लेकिन पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया है, उधर मप्र के IAS नियाज खान ने अजीज कुर्रेशी के बयान पर उन्हें नसीहत देते हुए पलटवार किया है।

IAS नियाज़ खान का ट्वीट – भारत 80 प्रतिशत हिंदुओं का देश है

IAS नियाज़ खान ने पूर्व राज्यपाल अजीज कुर्रेशी के मुसलमानों से जुड़े और कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पर निशाना साधने वाले बयान पर ट्वीट किया – नियाज़ खान ने लिखा – भारत 80 प्रतिशत हिंदुओं का देश है एवम राजनीतिक दल इनका प्रतिनिधित्व भी करते हैं। अगर ये पार्टियां हिंदुओं की बात नहीं करेंगी तो किसकी बात करेंगी? हिंदू विश्व की सबसे सहनशील कौम है और यह कौम सबसे प्रेम करती है। मुसलमानों को समझना और दिल बड़ा करना पड़ेगा।

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पूर्व राज्यपाल अजीज कुर्रेशी ने दिया था ये बयान 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजीज कुर्रेशी मप्र उर्दू अकादमी के चेयरमेन भी रहे हैं, उन्होंने पिछले दिनों विदिशा के लटेरी में आयोजित एक कार्यक्रम में मुसलमानों का पक्ष लेते हुए अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया था, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के कुछ लोग आज बात करते हैं धार्मिक यात्राओं की, ये डूब मरने की बात है, नेहरु के वारिस कांग्रेसी धार्मिक यात्रायें निकालते हैं, जय गंगा मैया, जय नर्मदा मैया बोलते हैं, कहते हैं गर्व से कहो हम हिन्दू हैं, यह डूब मरने की बात है, पीसीसी दफ्तर में मूर्तियाँ बैठाते हैं। उन्होंने कांग्रेस सहित सभी पार्टियों से कहा कि वे अच्छी तरह समझ लें कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है , आप मुसलमान को नौकरी देते नहीं हो, पुलिस , सेना, नेवी में लेते नहीं हो तो क्यों आपको वोट दें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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