IAS नियाज़ खान फिर चर्चा में, सोशल मीडिया पर लिखा- अगर हम ब्राह्मणों से नफ़रत करते हैं तो वह भगवान ब्रह्मा का अपमान है

IAS नियाज़ खान ने लिखा- पूरा सनातन धर्म ब्राह्मणों के सशक्त कंधों पर टिका है। ब्राह्मण कमज़ोर होगा तो सनातन धर्म कमज़ोर होगा।

ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखने वाले IAS नियाज़ खान एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट लिखी है जिसकी चर्चा हो रही है, नियाज़ खान ने ब्राह्मणों के अपमान को भगवान ब्रह्मा का अपमान कहा है।

हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में अच्छा खासा दखल रखने वाले, सनातन धर्म और इस्लाम पर मुखर होकर बोलने और अपनी बात कहने वाले भारतीय प्रशानिक सेवा के आईएएस अधिकारी सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहते हैं, पर्यावरण प्रेमी और जलवायु परिवर्तन की चिंता करने वाले नियाज़ खान समाज की भी उतनी हो चिंता करते हैं इसलिए समय समय पर अपनी बार अपने X अकाउंट पर रखते हैं।

भगवान ब्रह्मा ने ब्राह्मणों को सर्वोच्च कार्य सौंपा था और वह है धर्म का कार्य

पिछले दिनों भारत में अरब के पहनावे के बढ़ते चलन का विरोध करने वाले नियाज़ खान ने अब ब्राह्मणों से जुड़ी एक पोस्ट X पर पोस्ट की है, उन्होंने लिखा- यदि वेदों पर विश्वास हो तो हर कोई जानता है कि भगवान ब्रह्मा ने ब्राह्मणों को सर्वोच्च कार्य सौंपा था और वह है धर्म का कार्य।

समाज का मार्गदर्शन करते हैं ब्राह्मण 

नियाज़ खान ने आगे लिखा- ब्राह्मणों को समाज के मार्गदर्शन के लिए भी बनाया गया था। ऐसे में अगर हम ब्राह्मणों से नफ़रत करते हैं तो वह भगवान ब्रह्मा का अपमान है,  निर्णय आपका है।

हो सके तो आप मांस खाना छोड़ कर पशु प्रेमी बन जाएं

आपको बता दें नियाज़ खान शाकाहार अपनाने की भी सलाह देते हैं उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर पिछले दिनों लिखा था- मेरा सख़्ती के साथ मानना है कि यदि पर्याप्त शाकाहारी भोजन उपलब्ध हो तो मांस के लिए मासूम पशुओं को न मारा जाए। मेरे X के दोस्तों से अपील है कि हो सके तो आप मांस खाना छोड़ कर पशु प्रेमी बन जाएं।शाकाहार का प्रचार करें। केवल मुंह के स्वाद के लिए जीव हत्या उचित नहीं लगता। पशु मासूम हैं

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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