Pappu Name Controversy : भारतीय संसद की बात करें या राज्यों की विधानसभाओं की या नगर निगम परिषदों की हर जगह समय-समय पर कुछ ऐसे शब्दों की लिस्ट जारी की जाती है, जिन्हें अमर्यादित घोषित कर सदन की कार्रवाई से हटा दिया जाता है। यह लिस्टें सदन में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए भी समय-समय पर जारी की जाती हैं और इनमें नए शब्द जोड़े जाते हैं।
नगर निगम में मचा बवाल
ऐसी ही एक लिस्ट भोपाल नगर निगम ने जारी की है, जिसमें कुल 800 शब्दों को निगम की कार्रवाई में अब अमर्यादित माना जाएगा और जिनके बार-बार किसी सदस्य द्वारा उपयोग किए जाने के बाद सदस्य पर कार्रवाई भी की जा सकेगी।
इन 800 शब्दों में एक ऐसा शब्द पप्पू भी जोड़ा गया है जिसको लेकर इस वक्त भोपाल नगर निगम में न केवल बवाल मचा हुआ है बल्कि एक सदस्य द्वारा अध्यक्ष पर आरोप भी लगाए गए हैं।
बोर्ड पार्षद ने जताई आपत्ति
दरअसल, इस देश के जारी होने के बाद भोपाल जहांगीराबाद के एक बोर्ड के पार्षद पप्पू विलासराव खड़गे ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जिस प्यार और सम्मान से मेरे माता-पिता ने मेरा नाम पप्पू रखा है मेरे प्रिय जान मुझे जिस नाम से पुकारते हैं उस नाम को अमर्यादित करना पूर्णतः अनुचित है। मैंने इसे लेकर आपत्ति दर्ज भी कर दी है। मैं सदन का एक सीनियर पार्षद हूं और मुझे सभी लोग मेरे नाम से ही संबोधित करते हैं लेकिन नगर निगम अध्यक्ष ने अब मुझे सिर्फ हंसी का पात्र बना दिया है।
अपनी बात बताते हुए पप्पू विलासराव खड़गे ने कहां की अगर नगर निगम द्वारा इस गलती को सुधारण नहीं जाता है तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सहारा लेना पड़ेगा क्योंकि वह निगम के बुकलेट जारी होने के बाद कहीं ना कहीं मानसिक रूप से भी परेशान है।