भोपाल।मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का एक फरमान कर्मचारी अधिकारियों के लिए मुसीबत का सबब बनने जा रहा है।टाईम्स नाऊ टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश की सरकार अब एक नया कानून लाने जा रही है जिसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों को कम से कम एक नसबंदी का मामला लाना ही होगा ।यदि वे ऐसा नहीं कराएंगे तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
सरकार के इस निर्णय के पीछे जनसंख्या नियंत्रण की सोच है। टाईम्स नाऊ चैनल के अनुसार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है। टाइम्स नाउ चैनल के मध्य प्रदेश ब्यूरो प्रमुख गोविंद गुर्जर ने स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर बात की तो उनका कहना था कि यह सब चीजें लोगों को प्रेरित करने और जनसंख्या पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जरूरी है। इसके पहले भी मध्य प्रदेश की दिग्विजय सरकार में एक कानून लेकर आई थी उसके अनुसार 2 से ज्यादा बच्चे होने पर कर्मचारी अधिकारी की सेवा समाप्ति का प्रावधान था।
हालांकि प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति की है ।उनका कहना है कि सरकार का यह निर्णय आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है और कमलनाथ उसी मानसिकता से काम करते हुए दिख रहे हैं ।नरोत्तम मिश्रा ने यह भी कहा कि सरकार के इस निर्णय से वैसे ही हाल होंगे, जब आपातकाल में उन लोगों की भी नसबंदी कर दी गई थी जिनकी शादी तक नहीं हुई थी।
टाईम्स नाउ के सौजन्य से