BHOPAL NEWS : पोलियो से सुरक्षा के लिए 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव द्वारा पोलियो अभियान का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सांकेतिक तौर पर 11 बच्चों को पोलियो की दो बूंद पिलाई। इस अवसर पर मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग संदीप यादव, रोटरी क्लब, विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ,इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स , यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अभियान के दौरान दवा पिलवाना जरूरी है।
शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम विश्व के लिए अनुकरणीय है। टीकाकरण से ही पोलियो जैसी गंभीर बीमारी पर हमने जीत हासिल की है। डॉ यादव ने कहा कि आजादी पाने के लिए जितने प्रयासों की आवश्यकता है उससे अधिक प्रयास आजादी को बनाए रखने के लिए आवश्यक है । इसलिए पोलियो पर जीत को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक अभियान के दौरान दवा पिलवाना जरूरी है।
बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को दवा अवश्य पिलवाए
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि पोलियो अभियान की सफलता में परिजनों , चिकित्सा कर्मियों, जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। 9 और 10 दिसंबर को स्वास्थ्य सेवा प्रदाता घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को दवा अवश्य पिलवाए।
9 और 10 दिसंबर को छोटे बच्चों के स्कूलों में जाकर उनकी उंगलियों पर स्याही के निशान की जांच
अभियान के तहत 8 से 10 दिसंबर तक प्रदेश के 16 जिलों में 5 साल तक की उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। भोपाल जिले में अभियान के पहले दिन 3 हजार से अधिक पोलियो बूथ पर छह हजार से अधिक टीकाकरण कर्मियों ने 1 लाख 80 हजार बच्चों को (शाम 6.00 बजे की रिपोर्ट अनुसार) दवा पिलाई । अभियान के तहत शासकीय और प्राइवेट संस्थाओं, एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड ईंट भट्टे, क्रेशर, निर्माण स्थल, मेला स्थलों, बाजारों में भी दवा पिलाने की व्यवस्था की गई । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा 9 और 10 दिसंबर को छोटे बच्चों के स्कूलों में जाकर उनकी उंगलियों पर स्याही के निशान की जांच की जावेगी।
दवा पिलवाना आवश्यक
1995 में प्रारंभ किए गए राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत पोलियो की बीमारी को भारत से पूरी तरह से समाप्त किया जा चुका है। 27 मार्च 2014 में भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है । भारत में पोलियो वायरस का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 में हावड़ा पश्चिम बंगाल में मिला था जबकि मध्यप्रदेश में 2008 के बाद से कोई भी नया प्रकरण नहीं मिला है। भोपाल में जुलाई 2003 पोलियो का आखिरी केस पाया गया था। भारत पोलियो मुक्त है लेकिन भारत के कुछ पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के नए केस हालिया दिनों में भी मिले हैं। पोलियो से सुरक्षा के लिए प्रत्येक अभियान के दौरान दवा पिलवाना आवश्यक है।