एक तरफ सरकार मजदूरों की घर वापसी के लिये तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के दावे कर रही है, लेकिन इन दावों की असलियत खुल जाती है जब हम सड़कों पर पैदल चलते सैंकड़ों मजदूरों का हुजूम देखते हैं। इनमें से कुछ तस्वीरें तो इतनी विचलित करने वाली होती हैं कि देखते ही मन पिघल जाता है। ऐसा ही एक वाकया हुआ जब एक युवक अपने परिवार को लेकर बैलगाड़ी से पैदल ही घर की ओर निकल पड़ा, लेकिन एक बैल न होने के कारण उसने बैल की जगह खुद को गाड़ी में जोत लिया।
इंदौर बायपास पर तो गरीबी से झुझती जिंदगी और हर पल रंग बदलती दुनिया के नये आयाम देखने को मिल रहे है। कभी यहाँ ट्रक पर सवार सैंकड़ो लोग अपनी भूख और प्यास को मिटाने के समाजसेवी संस्थाओं का सहारा ले रहे है तो कभी यहाँ मुंबई के रिक्शा वाले पेड़ो की छांव की ओट लिए अपने परिवार सहित नजर आ रहे। पलायन के इस दौर में इंदौर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसपर सोशल मीडिया में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे है। इन्ही कयासों को विराम देने के लिए ये खबर आपके काम आएगी। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बैलमेन गाड़ी दिखाई दे रही है जिसमें एक तरफ बैल तो दूसरी तरफ बैल गाड़ी का मालिक गाड़ी को हांकते हुए सड़क से गुजर रहा है। कभी बैलगाड़ी को एक शख्स हांक रहा है तो कभी बैलगाड़ी पर बैठी महिला, वहीं कई लोग तो इसे महाराष्ट्र से राजस्थान की और जाने वाली दर्दभरी तस्वीरे भी बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मंगलवार दोपहर का बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक तस्वीरे इंदौर बायपास की है जहां महू से चला राहुल नाम का ये युवक बैलगाड़ी में अपनी भाभी और छोटे भाई को बिठाकर अपने घर नायता मुंडला इंदौर की ओर जा रहा है। राहुल का कहना है कि उसका परिवार पहले ही पैदल चलकर अपने घर चला गया है और अब बचे हुए लोगो और अपनी बैलगाड़ी लेकर वो जा रहा है। राहुल गांव-गांव घूमकर बैल खरीदने और बेचने का काम करता है लेकिन जीवन यापन के चलते उसे अपने एक बैल को कम कीमत पर बेचना पड़ा ताकि लॉक डाउन के दौरान वो जीवन यापन के लिए कुछ रुपए जुटा सके। फिलहाल, सुबह से महू से चली ये बैलमेन गाड़ी अपनी मंजिल तक तो पहुंच चुकी है लेकिन कई सवाल आधुनिक भारत की ये तस्वीर कोरोना संकटकाल में खड़े कर रही है जिसके जवाब मिल भी जाएं तो उसके हल तक पहुंच पाना मुमकिन नही हो पायेगा, क्योंकि असल मे भारत की ये तस्वीरें ही है जो विश्व से उसको जुदा करने के साथ ही हकीकत का आईना भी दिखाती है जिसे देखने के लिए आम दिनों में दूरबीन भी कम पड़ जाती है।