राजधानी भोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर शुरू किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
जन सहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर
इंदौर में राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे मां आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एचएस पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता की वजह से ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे। प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से शुरू हो रही है। बॉम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चैइथराम हॉस्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जन सहयोग से 125 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।
परिजनों के अस्पतालों में आने पर रोक जरूरी
जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से डॉक्टरों ने कोविड के संबंध में सुझाव भी लिए गए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इसलिए कोरोना मरीजों के परिजनों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना जरूरी है।