भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day for Older Persons) है। 1 अक्टूबर को दुनियाभर में वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित ये दिन मनाया जाता है और इसका उद्देश्य है कि उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार व अन्याय पर रोक लग सके। इस दिन को ‘अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस’, ‘अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस’, ‘विश्व प्रौढ़ दिवस’ या फिर ‘अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ के नामों से जाना जाता है। आज के दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वृद्धजनों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि ‘अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सभी वृद्धजनों को हार्दिक शुभकामनाएं! हमारे बुज़ुर्ग अपने अनुभवों से समाज व नई पीढ़ी को सही दिशा दिखाते हैं।’
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सीएम शिवराज और उनकी पत्नी श्रीमती साधना सिंह ने आज के दिन वृद्ध जनों का सम्मान किया और उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यदापि पोष मातरं पुत्र: प्रभुदितो धयान्। इतदगे अनृणो भवाम्यहतौ पितरौ ममां। भारतीय संस्कृति विशिष्ट संस्कारों के लिए प्रसिद्ध है। वृद्धजनों की सेवा और उनका आदर, हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी शक्ति है। यह अनुपम संस्कृति सर्वदा ऐसे ही जीवंत रहे, यही कामना है।’ अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा शुरू किया गया था।
हम अक्सर देखते है कि उम्र ढलने के साथ बुजुर्गों की उपेक्षा शुरु हो जाती है। कई घरों में उन्हें बेकार वस्तु की तरह देखा जाने लगता है और किसी भी फैसले में उनकी भागीदारी नहीं होती। जिन्होने अपना सारा जीवन बच्चों की खुशियों के लिए दे दिया, जब उनकी देखभाल और सुरक्षा की बारी आती है तो केवल संसाधन जुटाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। ऐसे में कई बुजुर्ग अपना बाकी जीवन एक खालीपन और उदासी में बिताते हैं। दिनोंदिन बढ़ते वृद्धाश्रम भी हमारे लिए एक चेतावनी है कि हम अपने बुजुर्गों के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे। अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने और उनके जीवन को खुशगवार बनाने के लिए ही आज का दिन मनाया जाता है, ताकि हम कुछ पल ठहरकर ये सोच सकें कि उनकी जिंदगी की शाम में भरपूर उजियारा हो और हम इसके लिए अपनी हरसभंव कोशिश करें।
यदापि पोष मातरं पुत्र: प्रभुदितो धयान्।
इतदगे अनृणो भवाम्यहतौ पितरौ ममां।भारतीय संस्कृति विशिष्ट संस्कारों के लिए प्रसिद्ध है। वृद्धजनों की सेवा और उनका आदर, हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी शक्ति है।
यह अनुपम संस्कृति सर्वदा ऐसे ही जीवंत रहे, #विश्व_प्रौढ़_दिवस पर यही कामना है! pic.twitter.com/0UGl3EL2g3
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) October 1, 2022