अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 17 दिसंबर से भोपाल में, राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे शुभारंभ, मालिनी अवस्थी, एहसान कुर्रेशी जैसे कलाकार रहेंगे आकर्षण

वन मेला "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" पर आधारित होगा। आपको बता दें लघु वनोपज प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण कार्य में लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है।

Atul Saxena
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Mangubhai Patel Dr. Mohan Yadav

Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 17 दिसंबर से अंतर्राष्ट्रीय वन मेला आयोजित किया जा रहा है ये मेला 23 तक रहेगा, मेले का शुभारंभ लाल परेड मैदान में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। कार्यक्रम में लोक गायिका मालिनी अवस्थी, हास्य कलाकार एहसान कुर्रेशी जैसे कलाकर आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेला कल 17 दिसंबर से राजधानी भोपाल के लाल परेड पर शुरू हो रहा है, मंगलवार शाम 5 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में इसकी शुरुआत होगी। मेले में विभिन्न आयोजन होंगे।

“लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण” पर आधारित है वन मेला 

जानकारी के मुताबिक इस बार वन मेला “लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण” पर आधारित होगा। आपको बता दें लघु वनोपज प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण कार्य में लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। मेले में प्रदेशवासियों के अलावा देश के विभिन्न राज्यों के लोग शामिल होते हैं।

प्रशासकों और नीति निर्धारकों के बीच संवाद का बनेगा  मंच

वन मेला लघु वनोपज, औषधि पौधों के क्षेत्र की गतिविधियों, उत्पादों एवं अवसरों को प्रदर्शित करने के लिये इससे जुड़े संग्राहकों, उत्पादकों, व्यापारियों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों और नीति निर्धारकों के बीच संवाद स्थापित करने के लिये एक व्यापक मंच उपलब्ध करायेगा।

मेले में ये कार्यक्रम आयोजित होंगे 

वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे। वन मेले में 17 दिसंबर को आर्केस्ट्रा का आयोजन होगा, 18 दिसंबर को गायिका मालिनी अवस्थी लोक गीत एवं भजन प्रस्तुत करेंगी, 19 दिसंबर को हास्य कलाकार एहसान कुरैशी का कार्यक्रम होगा, 20 दिसंबर को गायन (सोलो), आर्केस्ट्रा और सूफी बैण्ड, 21 दिसंबर को नृत्य (सोलो), आर्केस्ट्रा, 22 दिसंबर को फैंसी ड्रेस/सोलो एक्टिंग, “एक शाम वन विभाग के नाम” की प्रस्तुति होगी, 23 दिसंबर को समापन समापन समारोह आयोजित किया जायेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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