भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 18 जुलाई 2020 को एक वीडियो वायरल होने के बाद पद से हटाए गए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी तत्कालीन परिवहन आयुक्त वी.मधुकुमार (IPS V.Madhu kumar) को लोकायुक्त (Lokayukt) ने क्लीन चिट दे दी है। जांच में पाया गया कि ये साजिश अमेरिका (America) में बैठकर रची गई थी और पूरे मामले की विस्तृत जांच के बाद आईपीएस वी.मधुकुमार को आखिरकार निर्दोष करार दे दिया गया है।
दरअसल 18 जुलाई 2020 को एक वीडियो वायरल (video viral) हुआ था जो वर्ष 2016 का बताया जा रहा था और जिसमें वी.मधुकुमार तत्कालीन आईजी उज्जैन रहते हुए अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से बंद लिफाफे ले रहे थे। इसी वीडियो के आधार पर यह आरोप भी लगाए गए कि वह अधीनस्थों से महीना ले रहे हैं और लोकायुक्त ने संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण को जांच में लिया था। लेकिन लोकायुक्त की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिस मोबाइल नंबर से वीडियो वायरल किया गया था +1(40 8)646-6417 वह मोबाइल नंबर कैलिफोर्निया राज्य, अमेरिका का होना पाया गया है। इससे 19 जुलाई को यह वीडियो वायरल किया गया था। लोकायुक्त की जांच के दौरान मोबाइल नंबर व्हाट्सएप पर एक्टिव नहीं पाया गया, जिससे यह तथ्य सामने आया कि मोबाइल नंबर का बंद होना उस व्यक्ति के द्वारा खुद को सामने ना आने की वजह थी। मोबाइल नंबर बंद होने की वजह से और मोबाइल उपयोगकर्ता के अज्ञात होने की वजह से इस वीडियो की सत्यता पर ही सवालिया निशान खड़े हो गए। यह तथ्य भी सामने आया कि वीडियो वायरल होने और घटना के दिनांक में 4 साल 6 महीने का अंतर था। इसके साथ ही जिन अधिकारियों ने पुलिस महानिरीक्षक मधुकुमार को लिफाफे दिए, उनका कहना था कि उनके द्वारा मेले की कानून व्यवस्था और बंदोबस्त संबंधी तैयारी के बारे में समीक्षा की रिपोर्ट आईजी को पेश की गई थी। कोई भी ऐसा तथ्य नहीं पाया गया जो मधुकुमार के विरुद्ध हो और इसके चलते लोकायुक्त ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
बुधवार को हुए प्रशासनिक फेरबदल में वी.मधु कुमार को एडीजी आरटीआई बनाया गया है। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार अमेरिका में बैठकर वी.मधु कुमार के खिलाफ किसने साजिश रची। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने 18 जुलाई को ही यह बात उठाई थी कि मधु कुमार के खिलाफ यह वीडियो साजिश का हिस्सा हो सकता है और अंततोगत्वा एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ की उस खबर पर ही मोहर लग गई।