प्रदेश में मरीजों के लिए दौड़ रही जय अंबे इमरजेंसी सर्विस की एम्बुलेंस खुद बीमार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में जिस एम्बुलेंस सेवा का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता की सेवा के लिए उद्घाटन किया था वही एम्बुलेंस सेवा बीमार पड़ गई है, यह हम नहीं बल्कि खुद इस एम्बुलेंस सेवा को प्रदेश में चलाने वाली कंपनी कह रही है। मध्यप्रदेश में एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस का संचालन कर रही जय अंबे इमरजेंसी सर्विस कंपनी के एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए बेहतर सेवा के दावे दो महीने में ही जमीन पर औंधे मुंह गिर पड़े है, कंपनी उन वायदों से मुकर रही है, जो उसने उद्घाटन के समय किए थे, खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इन्हे चेताया था कि बेहतर काम कीजिएगा, पुरानी कंपनी की तरह शिकायतों का मौका मत दीजिएगा। लेकिन अब इस सेवा का फोकस जरूरतमंदों तक समय पर एंबुलेंस पहुंचाने की बजाए पैसा कमाने पर है। इसके साथ ही कंपनी ने जो वादे एम्बुलेंस में मरीजों की सेवा के किए थे वो भी पूरे करने में कंपनी पीछे रह गई है।

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मध्यप्रदेश में दिसंबर 2021 में जय अंबे इमरजेंसी सर्विस, रायपुर, छत्तीसगढ़ को एंबुलेंस सेवा का काम दिया गया था। नियमानुसार 2 महीने के अंदर कंपनी को काम टेकओवर करना था। लेकिन कंपनी ने दो बार दो-दो महीने का एक्सटेंशन ले लिया। जिसके कारण 30 अप्रैल 2022 से नई एंबुलेंस गाड़ियां सड़कों पर उतरी। लेकिन चार महीने देरी से काम शुरू करने और दो महीने बीत जाने के बावजूद पूरी संख्या में एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस सड़कों पर नहीं उतरी हैं। अभी कुल 1292 वाहन ही सड़कों पर हैं, जबकि प्रदेशभर में 2052 एंबुलेंस तैनात की जानी थी। इसके साथ ही टेंडर मिलने के चार महीने देरी से काम शुरु करने के पीछे कंपनी का तर्क था कि वो नई टेक्नोलॉजी के साथ एंबुलेंस सेवा लॉन्च कर रही है। लेकिन लॉन्चिंग के बाद ही उसकी तैयारियों की पोल खुल गई है।


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Harpreet Kaur