जयवर्धन सिंह ने किया BJP विधायक की बात का समर्थन, बोले- विधानसभा में गंभीरता नहीं बची, मंत्रियों के पास जवाब नहीं

जयवर्धन सिंह ने कहा मंत्रियों का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है, विधानसभा में मंत्री जवाब देता है अधिकारी नहीं, इसलिए जवाब सही हो ये उनकी जिम्मेदारी है।

Atul Saxena
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Bhopal News : मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने जो जवाब दिया उससे मंत्रियों की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े होने लगे है, उधर कांग्रेस ने भी भपेन्द्र सिंह की बात का समर्थन करते हुए मंत्रियों के कामकाज पर ऊँगली उठाई।

दरअसल यौन शोषण और अशासकीय स्कूलों में अनियमितताओं को लेकर पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कल सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन ध्यानाकर्षण लगाया था, उन्होंने अपनी विधानसभा में बिना मान्यता के शासकीय जमीन पर कब्जे कर संचालित स्कूल का मुद्दा उठाया था।

यौन शोषण का मुद्दा भूपेन्द्र सिंह ने उठाया विधानसभा में 

मीडिया ने आज जब उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा,  मैंने अपनी विधानसभा में एक बच्चे के साथ हुए यौन शोषण का मुद्दा भी उठाया, मैंने स्कूलों के लिए भी गाइड लाइन बनाने की बात कही, मैं सरकार का ध्यान इस ओर लाना चाहता था, उन्होंने कहा कि विधायक के सवाल पर मंत्री ने अधिकारी की बात को सही मनाते हुए कहा कि यौन शोषण के बाद क्षेत्र में कोई रोष नहीं है मतलब ये हुआ कि मैं यानि क्षेत्रीय विधायक गलत है, कम से कम मंत्री मंत्री को सरकार को अपने जवाब में इतना ध्यान रखना चाहिए कि विधायक अपमानित न हो।

मंत्री की जिम्मेदारी है सवाल का सही जवाब आये 

भूपेन्द्र सिंह की बात का समर्थन करते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि ये बहुत गंभीर बात है, हम जनता के मुद्दे विधानसभा में उठाते हैं और सरकार से मंत्रियों से अपेक्षा करते है कि उसका सही जवाब आये लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, मेरे साथ भी ऐसा हो चुका है और अब भूपेन्द्र सिंह के साथ हुआ।

मंत्रियों का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण ही नहीं

जयवर्धन सिंह ने कहा आज विधानसभा में गंभीरता नहीं बची है, मंत्रियों के पास विधायकों के सवालों के जवाब नहीं होते उन्हें अपने विभाग की जानकारी नहीं होती, उनके पास साधारण सवालों के जवाब नहीं है, इतनी ख़राब स्थिति आज से पहले कभी मंत्रियों की नहीं रही, मंत्रियों का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है, विधानसभा में मंत्री जवाब देता है अधिकारी नहीं, इसलिए जवाब सही हो ये उनकी जिम्मेदारी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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