जल जीवन मिशन : करोड़ों के घोटाले का आरोप, मंत्री संपतिया उइके को क्लीन चिट देने पर भड़के उमंग सिंघार, सरकार पर साधा निशाना

उमंग सिंघार ने कहा- मामले को दो महीने तक दबाए रखने के बाद पीएचई विभाग ने जून के अंत में जांच के आदेश दिए और खानापूर्ति करते हुए विभाग ने मंत्री जी को क्लीनचिट भी दे डाली।

हर घर तक नल से जल पहुँचाने वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपये के घोटाले  की PMO में शिकायत की जानकारी सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है, घोटाले में कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके का नाम भी जुड़ा फिर विभाग ने जाँच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी जिस पर कांग्रेस भड़क गई है और सरकार से सवाल कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया  X पर एक पोस्ट लिखकर प्रदेश की भाजपा सरकार को एक बार फिर घोटाले की सरकार कहकर निशाना साधा है, उन्होंने लिखा- जनता को न नल मिला, न जल, मिला तो सिर्फ घोटालों का दल। जल जीवन मिशन के 30,000 करोड़ रुपये में से 1,000 करोड़ रुपये के कमीशन की शिकायत अप्रैल में सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक गई, जिसमें मंत्री संपतिया उइके और अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए।

उमंग सिंघार ने सरकार से किये सवाल 

उमंग सिंघार ने लिखा-  मामले को दो महीने तक दबाए रखने के बाद पीएचई विभाग ने जून के अंत में जांच के आदेश दिए और खानापूर्ति करते हुए विभाग ने मंत्री जी को क्लीनचिट भी दे डाली। इसलिए यहाँ सवाल उठते हैं कि PMO में शिकायत के फौरन बाद जांच शुरू क्यों नहीं की गई और इसे दो महीने तक क्यों लटकाया गया? जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र एजेंसी के बजाय विभाग से जुड़े अधिकारियों को क्यों सौंपा गया? कैसे आदेश जारी होने के मात्र एक सप्ताह में ही जांच पूरी भी कर ली गई और मामले में क्लीनचिट दे दी?

मामले की स्वतंत्र एजेंसी से पुनः जाँच की मांग 

उमंग सिंघार ने लिखा-  मैंने जल जीवन मिशन में पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ियों के मुद्दे को कई बार विधानसभा में उठाया है लेकिन सरकार हर बार इस पर जवाब देने से बचती रही। मेरी मांग है कि इस मामले की जांच पुनः किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा हो ताकि सच्चाई प्रदेश की जनता के सामने आ सके।

हाथ में नल लेकर किया पुराना प्रदर्शन भी टैग किया  

उल्लेखनीय है कि उमंग सिंघार ने अपनी इस पोस्ट के साथ 19 दिसंबर 2024 को उनके द्वारा हाथ में नल को टोंटी लेकर  किये गए प्रदर्शन के वीडियो भी टैग किये हैं जिसमें उन्होंने लिखा था- भाजपा के जल जीवन मिशन के नल से सिर्फ हवा आ रही है, पानी तो भाजपा के भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुका है। आज भी प्रदेश की महिलाएं पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन भाजपा सरकार को सिर्फ कमीशन से मतलब है। यह है भाजपा की असलियत।

ये है पूरा मामला 

दरअसल पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय को एक शिकायती पत्र भेजा था जिसमें प्रदेश की पीएचई मंत्री संपतिया उइके पर जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रुपए की घूस लेने के आरोप लगाये, पीएमओ ने 24 अप्रैल को इस शिकायत को राज्य सरकार के पास भेज दिया, ये शिकायत 21 जून को पीएचई के ईएनसी संजय अंधवान के पास पहुंची और उन्होंने इसकी जाँच के आदेश दे दिए, आदेश सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मंत्री को क्लीन चिट देने के बाद ईएनसी ने दी ये सफाई 

आदेश वायरल होने के बाद ईएनसी ने सफाई दी और कहा कि जाँच में शिकायत तथ्यहीन निकली है कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं सिर्फ आरटीआई में मिली विभागीय चिट्ठियों को आधार बनाकर शिकायत की गई थी। उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन और भुगतान स्थानीय स्तर पर होता है इसलिए ईएनसी और मंत्री पर सीधे तौर पर कोई जवाबदारी नहीं बनती है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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