भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है।इसी बीच राघौगढ़ के वर्तमान विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी जयवर्धन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने वोटरों से अपील की है कि वे उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे समझकर वोट ना दे, बल्कि जयवर्धन को दे। चुनाव से पहले जयवर्धन के इस बयान ने साफ कर दिया है कि जनता के बीच मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे के तौर पर नहीं बल्कि स्वयं के बलबूते पर पहचान बनाना चाहते है। खुद को साबित एवं स्थापित करने करना चाहते है।
दरअसल, कांग्रेस ने राघौगढ़ विधानसभा सीट से इस बार फिर दिग्विजय सिंह के बेटे और वर्तमान विधायक जयवर्धन सिंह को उम्मीदवार बनाया है।जिसके चलते वे लगातार जनसपंर्क कर लोगों से मिल रहे है। उनके साथ उनकी पत्नी अपने बेटे गोद में लिए हुए जयवर्धन के लिए वोट मांग रही हैं। इसी बीच जयवर्धन ने मतदाताओं से कहते नजर आए कि आप मुझे वोट दे ना कि दिग्विजय सिंह के बेटे को।साथ ही उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि निश्चित रूप से 2013 के पहले चुनाव में यह मेरे लिए एक बड़ा लाभ था, किंतु उसके बाद मुझे पता चला कि कठिन कार्य तो अब शुरू हुआ है क्योंकि तुलना शुरू हो गई है, अब मैं चाहता हूं कि लोग मुझे वोट दे।
बताते चले कि सालों से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और उनका परिवार ही इस सीट पर राज करते आया है। दिग्विजय सिंह को यहां के लोग राजा साहेब, दरबार, दिग्गी राजा या हुकुम के नाम से पुकारते हैं जबकि उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को छोटे साहब कहा जाता है। दिग्विजय सिंह पहली बार 1977 में यहां से विधायक बने थे। उसके बाद से कांग्रेस ये सीट कभी नहीं हारी। वर्तमान में उनके बेटे जयवर्धन यहां से विधायक है। अब भाजपा फिर सीट हथियाने की कोशिश में है, जिसके लिए भाजपा ने इस बार भूपेन्द्र रघुवंशी को राघौगढ़ से उतारा है। हालांकि, इस बार का चुनाव कांग्रेस-भाजपा के लिए काफी कठिन होगा। क्योंकि, एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और आरक्षण का मुद्दा, सपाक्स संगठन लोगों की जुबां पर बनाए हुए है। इसका असर भी कई क्षेत्रों में दिखाई भी देता है।खैर जीत किसकी होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।