हाल ही में गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर को सस्पेंड करने का आदेश दिया, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने निलंबन रद्द कर दिया, पूरा मामला शनिवार को उस वक्त शुरू हुआ जब स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे अचानक बम्बोलिम स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी वार्ड मे पहुंच गए और एक सीनियर डॉक्टर पर बरस पड़े, उसे सस्पेंड करने का आदेश दे दिया, हालांकि 24 घंटे बाद खुद मुख्यमंत्री ने सस्पेंड किए जाने के आदेश को रद्द कर डाक्टर को बहाल कर दिया। वही इस घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया अब मध्यप्रदेश जूडा ने इस मामलें में नाराजगी जताई है।
इस घटना से जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश क्यों
भले ही डाक्टर को बहाल कर दिया हो लेकिन मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री से माफी मांगने की जिद पकड़ ली है। जूडा का कहना है कि ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर का बिना सुनवाई के इस प्रकार अपमान करना उसकी गरिमा का उल्लंघन है। यह पूरी चिकित्सा समुदाय का अपमान है, जो सेवा, समर्पण और जिम्मेदारी के मूल्यों पर खड़ा है।
किसी भी डॉक्टर पर कार्रवाई करने से पहले निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। ऐसा न करना कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इस प्रकार की घटनाएँ एक डर का माहौल बनाती हैं, जिससे डॉक्टर बिना सुरक्षा और सम्मान के काम करने को मजबूर होते है। जिसका सीधा असर मरीजों की देखभाल पर पड़ता है।
स्वास्थ्य मंत्री सार्वजनिक माफी मांगें
इस घटना को लेकर मध्यप्रदेश के मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टर असंतुष्ट और आक्रोशित हैं। वे इस प्रकार के अनादर के खिलाफ खड़े हैं और चाहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री सार्वजनिक माफी मांगें और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए।