भोपाल।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही तबादलों का दौर तेजी से चल रहा है। आए दिन हर विभाग के दर्जनों अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे है। स्थिति यह है कि इस तबाडतोड़ तबादलों में एक ही अधिकारी के चार चार बार तक तबादले किए जा रहे है।उससे भी हैरानी की बात तो ये है कि तबादलों की इस अंधी दौड़ में इस बात का भी ख्याल नही रखा जा रहा है कि कौन सीनियर है और कौन जूनियर। जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर की पोस्ट दी जा रही है। इसका खुलासा शुक्रवार को जारी लिस्ट से हुआ है। जहां भोपाल नगर निगम में उपायुक्त के रूप में पदस्थ अधिकारी को बुरहानपुर नगर निगम का आयुक्त बनाया, जबकि उनसे सीनियर अधिकारी को उसी निगम में उपायुक्त बना दिया।
दरअसल, शुक्रवार को सरकार द्वारा दर्जनों अधिकारियों के तबादले किए गए थे। इसमें नगरीय विकास विभाग के भी अधिकारी शामिल थे।विभाग ने माध्यम के अधिकारी और भोपाल नगर निगम में उपायुक्त के रूप में पदस्थ भगवान दास भूमरकर का तबादला कर बुरहानपुर नगर निगम का आयुक्त बनाया, जबकि उनसे सीनियर अधिकारी और खंडवा नगर निगम कमिश्नर के पद पर पदस्थ जेजे जोशी को उसी निगम में उपायुक्त बना दिया।जेजे जोशी प्रथम श्रेणी अधिकारी हैं और सीएमओ कैडर के अफसर हैं। जबकी जबकि भूमरकर द्वितीय श्रेणी अधिकारी हैं और मुख्यत: मप्र माध्यम के कर्मचारी हैं। वे कई सालों से प्रतिनियुक्ति पर नगरीय विकास विभाग में हैं।
इसका खुलासा जब हुआ तब लिस्ट जारी हुई। चुंकी सरकार द्वारा जो तबादला सूची जारी की जाती है, उसमें सीनियर अधिकारी का नाम पहले लिखा जाता है और जूनियर अधिकारी का नाम बाद में लिखा जाता है। लेकिन शुक्रवार को जारी अधिकारियों की तबादले लिस्ट में बुरहानपुर नगर निगम उपायुक्त बनाए गए जोशी का नाम सूची में ऊपर है और भूमरकर का नाम नीचे है। आचार संहिता लागू होने से पहले तबादला करने की हड़बड़ी में सरकार ने शुक्रवार को भी करीब 75 तबादले किए। बताते चले कि अब तक नगरीय विकास विभाग ने प्रशासकीय पद पर लगभग 300 से ज्यादा तबादले कर दिए है।