Kamal Nath Alleges Corruption in Mahakal Mandir : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि उज्जैन महाकाल मंदिर परिसर के घोटाले का सबूत देने वाली जाँच रिपोर्ट को ही गायब कर दिया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ‘भाजपा ने करोड़ों लोगों की श्रद्धा के केंद्र महाकाल मंदिर परिसर को भी भ्रष्टाचार से नहीं बख्शा।’ इसी के साथ उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग भी की है।
दैनिक भास्कर की खबर का हवाला देते हुए कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा राज में सरकारी संरक्षण में खुला भ्रष्टाचार चल रहा है और श्रद्धालुओं की जान को खतरे में डाला जा रहा है। बता दें कि 28 मई 2023 को तेज़ हवाओं के कारण महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियाँ गिर गईं। इस घटना के बाद कांग्रेस ने निर्माण की गुणवत्ता और परियोजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए थे।

महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस के आरोप
उज्जैन महाकाल लोक में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियाँ गिरने के बाद मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उज्जैन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट द्वारा मूर्तियाँ बनाने वाली कंपनी के साथ किए गए समझौते पर कोई हस्ताक्षर नहीं थे और निविदा दस्तावेज़ों में मूर्तियों के विनिर्देशों का उल्लेख नहीं था। इसके अलावा, कुछ प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ अस्पष्ट और अधूरे थे। इसके बाद से ही कांग्रेस लगातार भाजपा पर महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती आई है।
कमलनाथ ने की उच्चस्तरीय जाँच की मांग
अब कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि इस घोटाले से संबंधित जाँच रिपोर्ट गायब कर दी गई है। उन्होंने कहा है कि ‘जहाँ भाजपा, वहाँ भ्रष्टाचार। भाजपा ने करोड़ों लोगों की श्रद्धा के केंद्र महाकाल मंदिर परिसर को भी भ्रष्टाचार से नहीं बख़्शा। पूरी दुनिया ने देखा था कि जरा सी आँधी से दो साल पहले महाकाल लोक की मूर्तियाँ टूट गई थीं। तब घोटाला स्वीकार करने के बजाय सरकार ने लीपापोती की थी। ताजा रिपोर्ट बता रही है कि घोटाले का सबूत देने वाली जाँच रिपोर्ट को ही ग़ायब कर दिया। भाजपा राज में सरकारी संरक्षण में खुला भ्रष्टाचार चल रहा है और श्रद्धालुओं की जान को खतरे में डाला रहा है। इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।’
जहाँ भाजपा, वहाँ भ्रष्टाचार।
भाजपा ने करोड़ों लोगों की श्रद्धा के केंद्र महाकाल मंदिर परिसर को भी भ्रष्टाचार से नहीं बख़्शा। पूरी दुनिया ने देखा था कि जरा सी आँधी से दो साल पहले महाकाल लोक की मूर्तियाँ टूट गई थीं। तब घोटाला स्वीकार करने के बजाय सरकार ने लीपापोती की थी।
ताजा… pic.twitter.com/tuWFxBXD0b
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 1, 2025