कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मांगा 17 सालों का हिसाब, बोले- जारी करें श्वेत पत्र

Pooja Khodani
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कमलनाथ

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पंचायत चुनावों (MP Panchayat Election 2021) से पहले मध्य प्रदेश में आदिवासियों को लेकर सियासत छिड़ गई है।  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार (Shivraj Government) से 17 सालों का हिसाब मांगा है।इतनी ही नहीं कमलनाथ (Kamal Nath) ने आदिवासियों के लिए चल रही योजनाएं, बजट आवंटनस, उत्थान के लिए किया गया खर्च और फैसले-घोषणाओं के क्रियान्वन को लेकर भी श्ववेत पत्र जारी करने को कहा है।इसके लिए कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए है।

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कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि मै माँग करता हूँ कि मध्यप्रदेश की 17 वर्ष की शिवराज सरकार ,आदिवासी वर्ग के हित में आज तक किये गये कार्यों, लिये गये निर्णयों, उसके क्रियान्वयन, अपनी सरकार में इस वर्ग के उत्थान के लिये लागू योजनाओं, उन योजनाओं से इस वर्ग के कितने लोग आज तक लाभान्वित हुए, कुल कितनी राशि इस वर्ग के हित के लिये शिवराज सरकार ने आज तक बजट में आवंटित की, कितनी राशि खर्च की।केन्द्र की 7 वर्ष की मोदी सरकार से इस वर्ग के हित के लिये प्रदेश को प्राप्त राशि, आदिवासी वर्ग के लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल खर्च राशि व किये गये कार्य, 17 वर्ष की राज्य भाजपा सरकार में आदिवासी वर्ग के साथ हुई उत्पीड़न व अत्याचार की घटनाओं व उस पर अभी तक की गयी कार्यवाही, वर्तमान जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन में होने वाला कुल खर्च व किस मद से कितनी राशि खर्च की गयी। इस आयोजन से आदिवासी वर्ग को क्या फायदा होगा। इस पर तत्काल एक श्वेत पत्र जारी करें ताकि प्रदेश के आदिवासी वर्ग के सामने शिवराज सरकार के कार्यकाल की वास्तविकता सामने आ सके।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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