कमलनाथ का शिवराज सरकार पर वार, गिनाये बच्चियों के साथ हुए अपराध के आंकड़े

Atul Saxena
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MP News : मप्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से नेताओं की बयानबाजी में तेजी आ गई है, भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अब शिवराज सरकार पर हमला करते हुए उसे जंगलराज बताया है और बेटियों के लिए अभिशाप बताया है

बेटियों के लिए “अभिशाप”, भाजपा सरकार का “जंगलराज”: कांग्रेस  

कमलनाथ ने ट्विटर (एक्स ) पर  – मध्य प्रदेश की बेटियों के लिए “अभिशाप” बने, भाजपा सरकार के “जंगलराज” में हैडिंग के साथ बेटियों के साथ हुए अपराधों की एक सूची पोस्ट की है जिसमें उन्होंने अपराध की प्रकृति और अपराधियों को मिली सजा का लेखाजोखा दिया है।

कमलनाथ ने गिनाए अपराध के आंकड़े 

  • एक साल में प्रदेश के 26 जिलों में बच्चियों से दुष्कर्म के घिनौने अपराध 33% तक बढ़ गए ।
  • एक साल में राजधानी भोपाल में बच्चियों से दुष्कर्म के 9.4% और इंदौर में 33%  अपराध बढ़े ।
  • 2021 से 31 जुलाई 2023 तक दुष्कर्म और पॉक्सो की कुल- 6537 वीभत्स घटनाएं दर्ज हुईं ।
  • दुष्कर्म की शिकार बच्चियों को न्याय मिलने की स्थिति और भी भयावह है। केवल 35 से 40% घटनाओं में ही मिला इंसाफ़ ।
  • बीते 8 महीने में बच्चियों से दुष्कर्म के 66 दरिंदों को ही सजा मिली जबकि 92 बच निकले ।
  • शिवराज सरकार में दरिदंगी की शिकार जिन बेटियों को इंसाफ़ मिला, उन्हें भी सालों लग गए ।

शिवराज सरकार को कहा  बेशर्म, निकम्मा और निर्लज्ज  

कमलनाथ ने इन आंकड़ों को पोस्ट करने के बाद लिखा – शिवराज सरकार की बेशर्मी और निकम्मेपन के कारण बेखौफ दरिंदे, हर दिन मध्य प्रदेश की बेटियों के अस्मत से खिलवाड़ करते रहे और बेटियों के बचाव में खड़े होने पर परिजनों को भी अपना शिकार बनाते रहे,  मगर भाजपा सीएम शिवराज निर्लज्जता से, बस “झूठ के शोर” में प्रदेश की बेटियों की “पीड़ा और चीखों” को अनसुना करते रहे। इसीलिए बेटियों के लिए खतरा बनी, भाजपा और शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए मध्य प्रदेश का “आक्रोश” चरम पर है । बेटियों को “सुरक्षा का भरोसा” और प्रदेश को “खुशहाली” की राह पर लेकर चलने आ रही है कांग्रेस।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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