कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में बच्चों के कुपोषण का मामला उठाते हुए कहा है कि प्रदेश की आंगनवाड़ियों के बुरे हाल हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक खबर के मुताबिक मध्यप्रदेश में 0 से 6 वर्ष आयु के 25 लाख से अधिक बच्चे बौने एवं 16 लाख से अधिक बच्चों का वजन औसत से कम है’।
पूर्व सीएम ने सवाल किया कि क्या सरकार का मॉनिटरिंग सिस्टम इतना कमजोर हो चुका है कि करीब 41 लाख बच्चे उचित पोषण आहार की कमी से पूरी तरह विकसित नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार को इस मामले की खबर क्यों नहीं है।
कमलनाथ ने कुपोषण को लेकर सरकार को निशाने पर लिया
कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से मध्यप्रदेश में कुपोषण की स्थिति पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि ‘मासूम बच्चों को जब सबसे ज़्यादा देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है, उसी उम्र में उनका बौना होना या वजन कम होना सीधे सीधे सरकार की उन योजनाओं की विफलता है, जिसके माध्यम से सरकार बच्चों को पोषण आहार मुहैया कराने का दावा करती है।’
सरकार से की ये मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ियों की बदहाल स्थिति पर भी सवाल उठाए और सरकार के मॉनिटरिंग सिस्टम की नाकामी पर तंज कसा। इसी के साथ उन्होंने सरकार से मांग की है कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाएं और प्रदेश स्तरीय तंत्र विकसित कर प्रभावित बच्चों को शीघ्र उचित पोषण एवं उचित देखभाल मुहैया कराई जाए।
एक खबर के मुताबिक मध्यप्रदेश में 0 से 6 वर्ष आयु के 25 लाख से अधिक बच्चे बौने एवं 16 लाख से अधिक बच्चों का वजन औसत से कम है। मध्यप्रदेश की आँगनबाड़ियों के बुरे हाल हैं।
क्या सरकार का मॉनिटरिंग सिस्टम इतना कमजोर हो चुका है कि करीब 41 लाख बच्चे उचित पोषण आहार की कमी से पूर्णतया… pic.twitter.com/vEqCpoX2hb
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 2, 2025





