सागर दलित हत्याकांड को लेकर कमलनाथ ने BJP सरकार पर साधा निशाना, पूर्व मंत्री पर समझौते के लिए 2 करोड़ का ऑफर देने का लगाया आरोप

कमलनाथ ने लिखा-  मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि यह अत्यंत संवेदनशील मामला है, इसे दबाने की कोशिश करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से षड्यंत्र उजागर होना चाहिए। इस तरह की घटनाएँ प्रदेश के माथे पर कलंक हैं।

Kamal Nath

Kamal Nath Target BJP government:  सागर में पिछले दिनों हुए दलित हत्याकांड की प्रमुख गवाह अंजना अहिरवार की मौत अभी भी पहली बनी हुई है, चाचा का शव ले जाते समय पुलिस की मौजदगी में अंजना एम्बुलेंस से गिर गई और उसकी मौत हो गई, मामला पुलिस की जाँच में है लेकिन इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा के पूर्व मंत्री पर पीड़ित परिवार को समझौते के लिए 2 करोड़ रुपये का ऑफर देने का गंभीर आरोप लगाया है और भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

कमलनाथ ने X पर लिखा-  मध्य प्रदेश भाजपा सरकार में जिस तरह व्यापम घोटाले से जुड़े सभी किरदारों की संदिग्ध मौतें हुई, उसी तरह अब सागर जिले के बरोदिया नौनगिर में दलित परिवार हत्याकांड के बाद उसके गवाहों की संदिग्ध मौत में नए खुलासे हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में पीड़ितों ने इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान विधायक भूपेंद्र सिंह का नाम लिया है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री पर समझौते के लिए 2 करोड़ रुपये का ऑफर देने का आरोप  

उन्होंने कहा है कि भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में समझौते के लिए दो करोड़ का ऑफर दिया था, जिसे पीड़ित परिवार ने ठुकरा दिया और उसके बाद उनकी बेटी की हत्या कर दी गई। पीड़ितों का कहना है कि एंबुलेंस से गिरकर कैसे मुख्य गवाह की मौत हो सकती है ? परिजनों ने मुख्य गवाह अंजना अहिरवार की हत्या का आरोप लगाया है और उसे भारतीय जनता पार्टी सरकार से जोड़ा है।

कमलनाथ ने निष्पक्ष जाँच की मांग की 

कमलनाथ ने लिखा-  मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि यह अत्यंत संवेदनशील मामला है, इसे दबाने की कोशिश करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से षड्यंत्र उजागर होना चाहिए। इस तरह की घटनाएँ प्रदेश के माथे पर कलंक हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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