भोपाल| प्रदेश में कोरोना वायरस से बिगड़ती स्तिथि के बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है| उन्होंने प्रदेश में कोरोना टेस्ट कम होने पर सवाल उठाये हैं, इसके साथ ही प्रदेश में अधिकाधिक जांच करने के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट के साथ-साथ रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कराने की सलाह दी है|
पत्र में कमलनाथ ने कहा हमारे देश में सामूहिक रूप से लॉक डाउन का निर्णय लिया है जिसके पीछे का मूल कारण है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग से इस महामारी की चैन को तोड़ना चाहते हैं| समूचे विश्व ने इस बात को एक स्वर में स्वीकारा है कि इस महामारी से वर्तमान में लड़ने का एक ही कारगर अस्त्र है, वह है अधिक से अधिक टेस्ट | पूर्व सीएम ने लिखा लॉक डाउन तभी कारगर सिद्ध होगा जब हम अधिक से अधिक संक्रमित लोगों का पता लगाकर उन्हें ठीक होने तक बाकी लोगों से दूर रखें |
प्रदेश में टेस्ट करने का रेट चिंताजनक
कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए कहा विश्व के दूसरे देशों की तुलना में हमारे देश में काफी कम टेस्ट किए जा रहे हैं| देश में प्रति 10 लाख आबादी पर मात्र 121 टेस्ट किए गए हैं और मध्य प्रदेश का टेस्ट करने का रेट तो बेहद ही चिंताजनक है| 8 अप्रैल 2020 तक 7:15 करोड़ की आबादी पर मात्र 4056 टेस्ट किए गए थे जो कि प्रति 10 लाख की आबादी पर मात्र 55 टेस्ट आता है, अर्थात देश के औसत का भी आधा जबकि प्रति दस लाख आबादी पर जर्मनी में 15730 स्विट्जरलैंड में 19867 नार्वे में 201009 टेस्ट किए गए हैं| इतना ही नहीं चली जैसे छोटे से देश में भी यह आंकड़ा 3159 है।
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट भी कराये सरकार
पूर्व सीएम ने कहा वर्तमान में हो रहा RT-PCR टेस्ट अधिक प्रमाणिक है। उन्हें तो जारी रखना ही चाहिए, लेकिन यह टेस्ट DNA पर काम करता है अर्थात यह टेस्ट कोविड-19 वायरस को पहले डीएनए में बदलता है जिससे समय भी अधिक लगता है और खर्च भी इस एक टेस्ट का 4500 के लगभग खर्च आता है | जबकि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में मात्र 30 मिनट का समय लगता है और इसमें कोई बहुत बड़े विशेषज्ञ की भी आवश्यकता नहीं होती| उन्होंने कहा उंगली पर से थोड़ा सा ब्लड सैंपल लेकर यह टेस्ट किया जा सकता है और इसका खर्च भी मात्र 300 रुपए ही आता है| पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि इस टेस्ट को प्राथमिक रूप से भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में करना चाहिए जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है|