परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। बालिका ने सुसाइट नोट में लिखा है कि, उसके पिता शराब पिकर मां के साथ मारपीट करते थे, वह हमे बाहर बाॅशरूम भी नहीं जाने देते थे। हम 100 से अधिक बार डायल-100 को बुला चुके है, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरी मौत के जिम्मेदार मेरे शराबी पिता और बड़वानी पुलिस अधिकारी है।
आयोग ने लिया संज्ञान
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, खरगोन से घटना की जांच कराकर डायल-100 एवं पुलिस की कथित त्रुटि के सम्बन्ध में स्पष्ट कार्रवाई का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।