भोपाल। राजधानी में दिल दहलादेने वाला मामला सामने आया है। जहां एक नाबालिग ने दूसरे नाबालिग के चहरे पर चाकू से वार कर दिया। हमले में घायल की बाल-बाल जान बच गई। वहीं शाहजहांनाबाद पुलिस का इस मामले में चौकाने वाला रवैया सामने आया है। पहले तो फरियादी पक्ष को एफआईआर दर्ज किए बिना ही थाने से चलता कर दिया गया। बात नहीं मानने पर काउंटर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई। हुआ भी कुछ यंू ही, जब फरियादी पक्ष ने आरोपी पर प्रकरण दर्ज कराया तो दूसरी ओर से भी एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस का कहना है कि दूसरे पक्ष से भी एक किशोर घायल हुआ है।
जानकारी के अनुसार फरियादी फीरोज पिता दुलारे (15) मूलत: निवासी मलकारी फिलहाल संजय नगर खालू किराना स्टोर वालों के घर में मां के साथ किराए से रहता है। उसकी मां बंगलो में सफाई कार्य करती हैं। फीरोज के पड़ोसी राजू ने बताया कि उनकी बस्ती के पास में ही सनराईज कॉलोनी है। वहां अथर नाम का एक व्यक्ति रहता है। जो कुछ समय पूर्व में धोखाधड़ी के एक मामले में बेल पर रिहा हुआ है। इसके अलावा भी उसके अन्य प्रकरण हैं और क्षेत्र में कुछ भूमि पर कब्जा कर रखा है। उनके बेटे का नाम नोफिल अली है। नोफिर बीते दो तीन दिन से चाकू रखकर घूम रहा था। इलाके में नाबालिग बच्चों को धमका रहा था। फिरोज को भी उसने बीते दिनों धमकाया था। इस बात को लेकर दोनों में कहा सुनी हुई थी। कल शाम को फीरोज नोफिल के घर के सामने से गुजर रहा था। तभी नोफिल ने उसे रोका और बदसलूकी करने के बाद में चाकू से कान के पास से लेकर गले तक एक बड़ा वार कर दिया। गंभीर हालत में फीरोज को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया गया था। फीरोज की मां का कहना है कि हमीदिया में उसे समय पर इलाज नहीं दिया गया। नोफिल के पिता ने उन्हें अस्पताल में आकर धमकाया। तब वह बच्चे को लेकर एक निजी अस्पताल लेकर पहुंची। जहां आपरेशन में आने वाले खर्च को उनके मोहल्ले वालों ने चंदा कर दिया है।
– थाने से कर दिया चलता
राजू का कहना है कि घटना के बाद में मामले की एफआईआर दर्ज कराने के लिए मोहल्ले वाले और फीरोज के परिजन थाना शाहजहांनाबाद में पहुंचे थे। वहां उनकी फरियाद सुने बगैर ही चलता कर दिया गया था। रात को दोबारा लोग थाने पहुंचे, इस समय ड्यूटी पर एएसआई नरेंद्र परमार मौजूद थे। उन्होंने बदसलूकी करने के बाद में सभी को थाने से बाहर कर दिया। रिपोर्ट करने पर फीरोज के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई। बावजूद इसके लोग प्रकरण दर्ज कराने की मांग करते रहे, तब प्रकरण दर्ज किया गया, इसके बाद में नाफिल की ओर से फीरोज के खिलाफ भी एफआईआर कर दी गई। नाफिल की एफआईआर में फीरोज की एफआईआर से पहले का समय लिखा गया है।
– इनका कहना है
लोग मेरे पास आए थे तब प्रकरण दर्ज किया जा चुका था। सभी नाफिल की गिरफ्तारी की मांग के लिए दोबारा थाने आए थे। नाफिल और फीरोज दोनों को चोटे आई हैं। दोनों की ओर से समान धाराओं मेें प्रकरण दर्ज किया गया है। आगे मेडिकल के आधार पर धाराओं को बड़ा दिया जाएगा। थाने में किसी के साथ में बदसलूकी नहीं की गई है।
नरेंद्र परमार, एएसाअई