जानें क्या है मोहन सरकार की रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना? किसानों को किस तरह से मिलेगा लाभ

रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में राज्य सरकार, महासंघ द्वारा क्रय किये गये कोदो-कुटकी पर किसानों को भुगतान किये गये न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में किसानों के खातों में 1000 रूपये प्रति क्विंटल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत प्रदाय करेगी।

Pooja Khodani
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लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में किसानों के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना को बीते महीने जबलपुर में आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में मंजूरी भी दे दी गई है।इससे मिलेट्स उत्पादक कृषकों को अपने उत्पादों का उचित दाम मिलेगा, जिससे अन्य किसानों को मिलेट्स उत्पादन के लिये प्रोत्साहन भी मिलेगा।

जानिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के बारें में

  • दरअसल, डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मिलेट्स उत्पादक किसानों के हित में योजना को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न – कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।
  • रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में राज्य सरकार, महासंघ द्वारा क्रय किये गये कोदो-कुटकी पर किसानों को भुगतान किये गये न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में किसानों के खातों में 1000 रूपये प्रति क्विंटल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत प्रदाय करेगी।

किसानों को इस तरह मिलेगा लाभ

  • इस योजना के लागू होने से श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादक कृषकों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिये उनकी क्षमता संवर्धन, कोदो-कुटकी की विशिष्ट पैकेजिंग एवं ब्राँडिंग गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • इससे कृषकों को बेहतर विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने में सहायता मिलेगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये शासन ने पूर्व से संचालित लघु धान्य प्र-संस्करण, विपणन इत्यादि कार्यों में संलग्न एफपीओ/समूह को महासंघ के रूप में संगठित करने के लिये मार्गदर्शी निर्देश जारी किये हैं।
  • योजना से प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादन में संलग्न कृषकों, एफपीओ/समूह को राज्य स्तरीय महासंघ के रूप में संगठित कर नवीन तकनीकी के उपयोग से श्रीअन्न, विशेषकर कोदो-कुटकी एवं उसके प्र-संस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान स्थापित कराने में मदद मिलेगी।

इस तरह होगा काम

  • इससे एफपीओ द्वारा गठित फेडरेशन के माध्यम से श्रीअन्न के लिये वेल्यू चेन विकसित करने और कोदो-कुटकी की खेती में संलग्न कृषकों की आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी।
  • श्रीअन्न/कोदो-कुटकी के विपणन एवं प्र-संस्करण में कार्यरत एफपीओ महासंघ गठित किया जा रहा है। यह श्रीअन्न के उपार्जन, भंडारण, प्र-संस्करण, ब्रॉण्ड बिल्डिंग एवं उत्पाद विकास आदि कार्य करेगा। कम्पनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत कम्पनी के रूप में महासंघ का गठन होगा।
  • योजना के लाभार्थी एफपीओ फेडरेशन के सदस्य होंगे। ये ही सामान्य सभा के सदस्य भी होंगे एवं रोटेशन प्रणाली के आधार पर इनके द्वारा संचालक मण्डल के संचालकों एवं अध्यक्ष का चुनाव किया जायेगा। नवीन एफपीओ को महासंघ में शामिल करने में बोर्ड का निर्णय अंतिम रहेगा।
  • योजना के क्रियान्वयन की नोडल संस्था किसान-कल्याण तथा कृषि विकास को बनाया गया है। मॉनीटरिंग व्यवस्था को पुख्ता करने के लिये विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • इससे योजना के क्रियान्वयन की उच्चतम स्तर पर बेहतरीन मॉनीटरिंग और समीक्षा होगी। इससे योजना के स्टेक होल्डर्स को लाभान्वित करने की प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों का निराकरण किया जाकर उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्रदान किया जा सकेगा।

इन जिलों में होती है कोदो- कुटकी की खेती

मध्यप्रदेश में कोदो- कुटकी की खेती मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के लिए फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित करने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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