भोपाल।
मध्यप्रदेश(madhya pradesh) में लगातार बढ़ रहे कोरोना(corona) मामले एवं लॉकडाउन (lockdown) के बीच पूर्व मंत्री पीसी शर्मा(P.C. Sharma) ने मजदूरों(laborers) के लिए सरकार से मांग की है। पूर्व मंत्री शर्मा ने सरकार से गुहार लगाई है कि केंद्र(central) एवं राज्य सरकार द्वारा मजदूरों के खाते में 5- 5 हजार रुपए जमा करवाए जाए।
पूर्व मंत्री शर्मा ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशान गरीब तबके के लोग एवं मजदूर वर्ग है। वही लॉकडाउन की वजह से उनके सामने आर्थिक(economic) परेशानियां शुरू हो गई है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि 25 कैटेगरी(category) के मजदूरों के खाते में केंद्र एवं राज्य सरकार पांच-पांच हज़ार जमा करें। ताकि यदि दोबारा लॉकडाउन बढ़ता भी है तो उन्हें अत्यधिक परेशानी का सामना ना करना पड़े।
रामबाई पर बोले पूर्व मंत्री
वहीँ रामबाई के नरोत्तम से मिलने के बाद बयान पर पी सी शर्मा ने कहा है कि रामबाई व अन्य जिन लोगों को आश्वासन दिया गया है मंत्री बनाने का उनको मंत्री बनाया जाना चाहिए।
DA कटौती पर बोले शर्मा
वहीं पूर्व मंत्री ने फसल बीमा की बकाया राशि के सवाल पर कहा कि शिवराज(shivraj) सरकार में जो फसल बीमा का पैसा जमा नहीं हुआ था वह पैसा बीजेपी सरकार द्वारा जमा किया है। वहीं शासकीय कर्मचारियों के दिए काट लेने पर शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि एक तरफ शासकीय कर्मचारियों के 5% दिए काट दिए गए और दूसरी तरफ उनके जान जोखिम में डालकर दफ्तर खोले जा रहे हैं। शर्मा ने कहा है कि यदि इस बीच कोई कर्मचारी पॉजिटिव हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।
प्रदेश में हो रहे मौत पर उठाया सवाल
शर्मा ने कहा कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया जाना सरकार का गलत फैसला है। क्योंकि गैस पीड़ितों को सांसों की शिकायत रहती है और को रोना महामारी की वजह से इसका इलाज नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से 13 गैस पीड़ितों की मौत हुई है। वहीं मध्य प्रदेश में 130 लोगों की मौत पर सवाल उठाते हुए शर्मा ने कहा कि आखिर इतनी मृत्यु क्यों हो रही है। शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि अन्य राज्यों में आंकड़ा कम है। जबकि मध्य प्रदेश में लगातार लोगों की कोरोना से मौत हो रही। शर्मा ने इन सब के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
रामबाई व अन्य जिन लोगों को आश्वासन दिया गया है मंत्री बनाने का उनको मंत्री बनाया जाना चाहिए। सरकारी दफ्तर खोले गए हैं यह सरकार का हड़बड़ी में लिया गया फैसला है। एक तरफ शासकीय कर्मचारियों को 5% डीए काट दिया गया है और उनकी जान जोखिम में डालकर सरकारी दफ्तर खोले जा रहे हैं।
1/3 pic.twitter.com/SOnaDFTcAU— P. C. Sharma (@pcsharmainc) April 30, 2020
जिससे करीब 13 गैस पीड़ितों की मृत्यु हो गई। मध्य प्रदेश में 130 लोगों की मृत्यु क्यों हुई ? सवाल तो ये है। जबकि अन्य राज्यों में यह आंकड़ा कम है। इस सबके लिए सरकार जिम्मेदार है।।
3/3#Pcsharmainc— P. C. Sharma (@pcsharmainc) April 30, 2020