भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राजधानी भोपाल में पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठीचार्ज किया। एनएसयूआई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे। एनएसयूआई के कार्यकर्ता बढ़ती बेरोजगारी और बढ़ती फीस का विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री निवास की तरफ जा रहे थे।
मुख्यमंत्री निवास की ओर से जा रहे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांग्रेस के दफ्तर के बाहर ही रोक लिया। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं। इससे पहले कार्यकर्ताओं को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संबोधित भी किया था।
डीआईजी इरशाद वली माइक से अनाउंस करते रहे कि कोई लाठीचार्ज नहीं करे, लेकिन पुलिस ने उनके निर्देशों की अनसुनी करते हुए लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान NSUI के प्रदेश सचिव अभिमन्यु तिवारी बेहोश हो गए। उनको तुरंत अस्पताल भेजा गया। NSUI कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस की लाठी से वे बेहोश हुए हैं। इस मामलें में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी छात्रों की रुकी स्कॉलरशिप जारी करने और रोजगार देने की मांग को लेकर NSUI प्रदर्शन कर रही थी। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों पर शिवराज सरकार के इशारे पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस लाठीचार्ज में कई छात्र व NSUI के पदाधिकारी घायल हुए हैं। सरकार छात्रों को रोजगार दे नहीं रही, उनकी मांग मान तो नहीं रही, लेकिन उन पर लाठियां जरूर बरसा रही है। यह सरकार का तानाशाही रवैया है। युवक कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रदेशाध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस के लाठीचार्ज में 12 से ज्यादा छात्र और पदाधिकारी घायल हुए हैं। पुलिस ने 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इनमें दो विधायक कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े और NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेशाध्यक्ष भी शामिल हैं। NSUI कार्यकर्ता की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे, लेकिन शिवराज सरकार डंडे के बल पर छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास किया।