डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी की किताब ‘ओवरथिंकिंग से आज़ादी: विन द बैटल ऑफ योर माइंड’ का लोकार्पण, एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका

ये पुस्तक ओवरथिंकिंग की समस्या पर विस्तार से जानकारी देती है और इसके निदान के बारे में भी बताती है। इस पुस्तक में ओवरथिंकिंग के कारण उत्पन्न होने वाली मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का विश्लेषण किया गया है। डॉ. त्रिवेदी ने इसे आठ भाषाओं में उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है ताकि अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। यह पुस्तक पाठकों को ओवरथिंकिंग से बचने के लिए व्यावहारिक उपाय और मानसिक शांति प्राप्त करने का रास्ता दिखाती है।

Shruty Kushwaha
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Dr. Satyakant Trivedi Book Launch : भोपाल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी द्वारा लिखी पुस्तक “ओवरथिंकिंग से आज़ादी: विन द बैटल ऑफ योर माइंड” का भव्य लोकार्पण हुआ और चर्चा आयोजित की गई। यह पुस्तक ओवरथिंकिंग की समस्या को गहराई से समझाती है। ओवरथिंकिंग बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करती है और व्यक्तिगत, सामाजिक  तथा पेशेवर जीवन में गंभीर चुनौतियां पैदा करती है।

चर्चा के दौरान डॉ. त्रिवेदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट का जिक्र करते हुए परिवारों और पेशेवर परामर्शदाताओं की मदद से ओवरथिंकिंग की समस्या का समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में ओवरथिंकिंग को अक्सर हल्के में लिया जाता है, जिस कारण इस समस्या की पहचान और समाधान में देर होती है।

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पुस्तक का लोकार्पण और चर्चा

क्लब लिटराटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो. विनय मिश्रा के साथ संवाद के दौरान डॉ. सत्यकांत  त्रिवेदी ने ओवरथिंकिंग के मानव मस्तिष्क, शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्थिति, व्यक्तिगत संबंधों और पेशेवर जीवन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ओवरथिंकिंग कैसे असुरक्षाओं, सामाजिक दबावों और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे की नशे की लत के शिकार लोगों के लिए गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती है।

डॉ. त्रिवेदी ने “ओवरथिंकिंग से आज़ादी: विन द बैटल ऑफ योर माइंड” को लेकर कहा कि यह पुस्तक उनकी पेशेवर जिम्मेदारी का विस्तार है। उन्होंने इसे देश के हर घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है और बताया कि इसे आठ भाषाओं में उपलब्ध कराने की योजना है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

ओवरथिंकिंग की समस्या पर एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका

यह पुस्तक पाठकों के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका है, जो उन्हें यह समझने में मदद करती है कि कब सोच ओवरथिंकिंग में बदल जाती है और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें ओवरथिंकिंग को रोकने के लिए व्यावहारिक उपाय दिए गए हैं, जैसे कि काउंसलिंग तकनीक, ध्यान, आध्यात्मिकता और धार्मिक गतिविधियां। प्रेरणादायक उदाहरणों और सरल भाषा में प्रस्तुत सुझावों के माध्यम से यह पुस्तक पाठकों को मानसिक शांति और आत्म-सशक्तिकरण प्राप्त करने में मदद करती है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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