Madhya Pradesh Outsourced Striking : मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी में आउट सोर्स एजेंसी के माध्यम से सेवाएं दे रहे आउट सोर्स कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने और कार्य पर उपस्थित नहीं होने के कारण चेतावनी आदेश जारी किया गया है, जिसमें उनके काम पर वापस न लौटने की स्थिति में सेवा मुक्त कर नई भर्ती शुरू करने की चेतावनी दी गई है साथ ही आदेश देते हुए हड़ताली कर्मचारियों को वापस काम पर लौटने के निर्देश दिए है, इस आदेश का तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने विरोध जताया है।
हक के लिए आवाज उठाना गलत नहीं
संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने जारी बयान में कहा अपने हकों के लिए अपनी आवाज उठाना कोई गलत नहीं है, आउट सोर्स कर्मचारी नेताओं द्वारा अपना मांग पत्र नोटिस पहले ही दिया जा चुका था उसके बाद भी सरकार ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया अब उनकी सेवाएं समाप्त कर नई भर्ती की जा रही है जो कि न्यायोचित नहीं है आउट सोर्स प्रथा में जिन कर्मचारियों को रखा जाता है विभाग से जो पैसा लिया जाता है ठेकेदारों द्वारा उतना पैसा कर्मचारी को नहीं दिया जाता और भी अन्य प्रकार से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है बहुत सारी सुविधाओं से वंचित किया जाता है जो कि श्रम कानून का उल्लंघन है प्रदेश अध्यक्ष अतुल मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष एसएस रजक उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी भोपाल जिले के अध्यक्ष मोहन अय्यर द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं ऊर्जा मंत्री प्रम्भुधन सिंह तौमर से मांग की है कि इन कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों पर तत्काल संज्ञान लेकर उनका हक दिया जाए एवं किसी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त ना की जाए आज की महंगाई के जमाने में कम वेतन में गुजारा करने वाले इन परिवारों पर सेवा समाप्ति से बहुत बड़ा कुठाराघात होगा।
गौरतलब है कि आउटसोर्स कर्मचारी ने पूरे प्रदेश में हड़ताल कर दी है, वह मानव संसाधन नीति बनाने से लेकर समान काम-समान वेतन के आधार पर संविलियन की मांग कर रहे हैं। कई बार बातचीत के बाद भी अधिकारियों ने इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए प्रदेशभर के 45000 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल के पहले दिन से अब तक कर्मचारियों से चर्चा के लिए कोई भी अधिकारी इनके पास नहीं आया है।