MP Police: मध्य प्रदेश पुलिस की तरह ही अब प्रदेश में काम करने वाली 6 जाँच एजेंसियां आरोपी को अपने कार्यालय में अभिरक्षा में यानि हिरासत में रख सकेंगी, राज्य शासन ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है , अधिसूचना में इसके प्रभावी होने की तारीख भी प्रदर्शित की गई है ।
राज्य शासन ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि अब से पुलिस के अलावा राज्य सरकार में अपराधियों के विरुद्ध काम करने वाली जाँच एजेंसियों के कार्यालय भी आरोपी को हिरासत में रखने वाले स्थान घोषित किये जाते हैं, यानि अब ये जांच एजेंसियां किसी आरोपी को अपने यहाँ अभिरक्षा में रख सकते हैं, अभी तक इन्हें अरोई को हिरासत में रखने के लिए पुलिस थानों की मदद लेनी होती थी।

इन 6 एजेंसियों के कार्यालयों को अभिरक्षा में रखने के अधिकार
गजट नोटिफिकेशन में जिन जांच एजेंसियों के कार्यालय को आरोपी को हिरासत में रखने वाला स्थान घोषित किया गया है उनमें आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ, लोकायुक्त संगठन, नारकोटिक्स विंग, अपराध अनुसन्धान विभाग, स्पेशल टास्क फ़ोर्स और साइबर सेल शामिल हैं।
प्रदेश में इन तारीखों से प्रभावशील होगी अधिसूचना
4 अप्रैल 2025 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल के आदेश से जारी अधिसूचना में जानकारी दी गई है कि प्रदेश के भोपाल और इंदौर नगरीय क्षेत्र में ये अधिसूचना 30 जून 2027 से प्रभावशील होगी, ग्रामीण भोपाल, ग्रामीण इंदौर, ग्वालियर, देवास, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, खरगोन, खण्डवा, सीहोर, रायसेन, बैतूल, सागर, छतरपुर, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, रीवा, सतना, मुरैना और भिण्ड जिलों में 30 जून 2028 से प्रभावशील होगी और श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, आगर, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, राजगढ़, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, नरसिंहपुर, पांढुर्ना, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, सिंगरौली, सीधी, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुपर, और मउगंज में 30 जून 2029 से प्रभावी होगी।