MP News : एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार शराब बंदी की तरफ बढ़ रही है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसकी शुरुआत कर दी है और मध्य प्रदेश एक धार्मिक नगरों में शराब बंदी का आदेश जारी कर दिया है, अब प्रदेश के धार्मिक नगरों में कोई भी शराब दुकान नहीं होगी इसकी जवाबदारी आबकारी विभाग पर होगी लेकिन क्या आबकारी विभाग अपनी जिम्मेदारियां सही तरह से पूरी करता है इसपर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आबकारी विभाग पर सवाल खड़े होने की वजह है राजधानी भोपाल में एक बिजली के टावर के नीचे टेंट में संचालित शराब दुकान, दरअसल न्यू सुभाषनगर के नाम से संचालित इस विदेशी – देशी कंपोजिट शराब दुकान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दुकान एक टेंट में संचालित होती दिखाई दे रही है और ये टेंट एक बिजली के हाईटेंशन टावर के नीचे लगाया हुआ है।

110 दुकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर
जानकारी के मुताबिक मामला कुछ ऐसा है, राजधानी भोपाल के मोतीनगर में प्रशासन ने 110 दुकानों के खिलाफ अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई की थी इन दुकानों पर बुलडोजर चला था कारण ये दुकाने सरकारी जमीन पर बनी थी, इसमें एक शराब की दुकान भी थी जिसे भी हटा दिया गया।
हटाई गई शराब दुकान टेंट के नीचे हो गई शुरू
लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब लोगों ने शराब की दुकान को संचालित होते देखा, शराब ठेकेदार ने क्षेत्र से निकले हाईटेंशन लाइन टावर के नीचे टेंट लगाकर शराब की बिक्री शुरू कर दी, अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर शराब की दुकान को इस तरह संचालित करने की अनुमति किसने दी, क्या आबकारी विभाग को ये सब मालूम है उसकी जानकारी में इस तरह सरकारी जमीन पर टेंट लगाकर शराब बेची जा रही है।
क्षेत्र में लोग पूछ रहे किसकी अनुमति से हो रही शराब बिकी
सवाल उठना लाजमी भी है क्योंकि मोतीनगर में जो 110 दुकानें तोड़ी गई वे सभी दुकानदार परेशान हैं, उनसे ना तो कोई अफसर बात कर रहा है और ना उन्हें अब तक कोई मुआवजा मिला है उल्टा मोतीनगर में जो घर बने है उन्हें भी तोड़ने के नोटिस वहां रहने वालों को थमा दिए गए हैं, अब यहाँ रहने वाले परेशान हैं उनका कहना है कि कहीं हमरी व्यवस्था की जाये तब घर तोड़े जाएँ ।
इसलिए हटाई जा रही मोतीनगर बस्ती
आपको बता दें भोपाल के सुभाष नगर आरओबी की थर्ड लेन का निर्माण हो रहा है और चौथी रेल लाइन बिछाने का काम भी किया जाना है इसके लिए मोतीनगर बस्ती को हटाने की कार्रवाई की गई है। कहा जा रहा है कि मोतीनगर बस्ती सरकारी जमीन पर बसी है, यहाँ पहुंचे पुलिस और प्रशासन केअधिकारियों ने लोगों से स्वेच्छा से दुकान हटाने को कहा था और समझाया था जिसपर दुकानदारों ने अपना सामान हटा लिया था। लेकिन एक शराब की दुकान फिर से संचालित होने पर सरकार पर भी उंगली उठ रही है।