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Sun, Dec 7, 2025

सुप्रसिद्ध साहित्यकार अनघा जोगलेकर प्रतिष्ठित “वागीश्वरी सम्मान” से सम्मानित

Written by:Shruty Kushwaha
सुप्रसिद्ध साहित्यकार अनघा जोगलेकर प्रतिष्ठित “वागीश्वरी सम्मान” से सम्मानित
भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रतिष्ठित वागीश्वरी पुरस्कार 2020 रविवार को प्रदान किये गए। वागीश्वरी पुरस्कार 2020 में उपन्यास विधा के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार अनघा जोगलेकर को वागीश्वरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पेशे से इंजीनियर अनघा जोगलेकर उपन्यास, लघुकथा, कहानी, संस्मरण तथा यात्रा वृत्तांत विधा में लिखती हैं। वे ई पत्रिका युग युगांतर का संपादन भी करती हैं।
उनकी पुस्तक ‘बाजीराव बल्लाल एक अद्वितीय योद्धा’ को अखिल भारतीय अंबिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार समिति साहित्य सदन भोपाल द्वारा श्रेष्ठ गुणवत्ता के लिए 19वां अंबिका प्रसाद दिव्य प्रशस्ति पत्र 2017 में प्रदान किया गया है। इसी के साथ ‘राम का जीवन या जीवन का राम- 2019’ में शोधकार्य के लिए अनुशंसित किया गया है। इसी के साथ उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2020 के वागीश्वरी सम्मान में उनकी कृति “अश्वत्थामा यातना का अमरत्व” का चयन किया गया। उनके साथ कविता विधा में पल्लवी त्रिवेदी को उनके काव्य संग्रह “तुम जहां भी हो”, हेमन्त देवलेकर को उनके काव्य संग्रह “गुलमकई”, विवेक चतुर्वेदी को उनके काव्य संग्रह “स्त्रियाँ घर लौटती हैं” पुरस्कृत किया गया। वहीं कहानी विधा में वागीश्वरी पुरस्कार अमिता नीरव को उनके कथा संग्रह “तुम जो बहती नदी हो”, कविता वर्मा को उनके कथा संग्रह “कछु अकथ कहानी” के लिए प्रदान किए गए।
उपन्यास विधा में पंकज कौरव को उनकी कृति “शनि: प्यार पर टेढ़ी नज़र” के लिए दिया गया। वहीं कथेतर गद्य के लिए सोनल शर्मा को उनकी किताब “कोशिशों की डायरी” व आशीष दशोत्तर को उनके व्यंग्य संग्रह “मोरे अवगुन चित में धरो” के लिए प्रदान किए गए। गीत विधा का वागीश्वरी पुरस्कार इस वर्ष डॉ मौसमी परिहार को उनके नवगीत संग्रह “मन भर उड़ान” के लिये दिया गया। मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के अनेक साहित्यकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।