EOW की जाँच में तेजी, एलएन मालवीय और सहयोगियों पर कस रहा शिकंजा, जल्दी हो सकता है बड़ा एक्शन

ईओडब्ल्यू ने जबलपुर ब्रांच से इसकी जाँच कराई और फिर जाँच पड़ताल के आधार पर एलएन मालवीय सहित एमपी पीडब्ल्यूडी (एनबीडी) के तत्कालीन डायरेक्टर नरेंद्र कुमार, तत्कालीन फाइनेंशियल एडवाइजर एलएन मिश्रा, तत्कालीन एई सजल उपाध्याय और एमपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली ।

Atul Saxena
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LN Malviya EOW Bhopal News : राजधानी भोपाल के नामी और चर्चित कंसलटेंट एलएन मालवीय पर एफआईआर दर्ज करने के बाद से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानि ईओडब्ल्यू के अधिकारी बड़ी तेजी से जाँच को आगे बढ़ा रहे हैं, मालवीय की सियासी पकड़ को देखते हुए जाँच एजेंसी के अधिकारी हर वो सुबूत जुटा रहे हैं जिससे कोर्ट में ये साबित करने में उन्हें आसानी हो कि करोड़ों रुपये के घोटाले के जो आरोप एफआईआर में लगाये गए हैं वे सही है, सूत्र बताते हैं कि EOW का शिकंजा तेजी से कस रहा है और कभी भी एलएन मालवीय और एफआईआर में नामजद पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अधिकारियों पर कड़ा एक्शन हो सकता है।

लोक निर्माण विभाग यानि पीडब्ल्यूडी के बड़े कामों में कंसलटेंसी देने वाली फर्म एलएन मालवीय इंफ़्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के मालिक और टीवी 27 न्यूज चैनल के डायरेक्टर एलएन मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने धोखे से सड़क, फ्लाई ओवर, रेलवे ओवर ब्रिज, मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग सहित अन्य कई बड़े प्रोजेक्ट लिए और इसमें करीब 15 करोड़ रुपये का घोटाला किया, आरोप ये भी है कि एलएन मालवीय की कंपनी ने जबलपुर के कामों में बड़ा फर्जीवाड़ा कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया और इसमें पीडब्ल्यूडी के आला अधिकारियों ने मालवीय का साथ दिया।

एलएन मालवीय सहित PWD के चार अधिकारियों पर एफआईआर  

भोपाल के एक व्यक्ति ने EOW में इसकी शिकायत दर्ज कराई, ईओडब्ल्यू ने जबलपुर ब्रांच से इसकी जाँच कराई और फिर जाँच पड़ताल के आधार पर एलएन मालवीय सहित एमपी पीडब्ल्यूडी (एनबीडी) के तत्कालीन डायरेक्टर नरेंद्र कुमार, तत्कालीन फाइनेंशियल एडवाइजर एलएन मिश्रा, तत्कालीन एई सजल उपाध्याय और एमपी सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468,  471,  472, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया।

ये है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में पुल के निर्माण के लिए सुपरविजन कंसलटेंसी जबलपुर का ठेका स्वीकृत हुआ था इस निर्माण एजेंसी के लिए कंसल्टेंट एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को अधिकृत किया गया था। इसमें कुल 106 पुलों के निर्माण की निविदाओं की लागत 12.25 करोड़ रुपए थी लेकिन पीडब्ल्यूडी के एनबीडी के डायरेक्टर और फाइनेंशियल एडवाइजर सहित अन्य तीन अधिकारियों ने साठगाठ  करते हुए एलएन मालवीय को 26 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान कर दिया और शासन को 13 करोड़ 86 लाख रुपए का चूना लगाया। EOW की जांच के दौरान यह सामने आया कि अब तक इस प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत से कम काम हुआ लेकिन अफसरों ने विशेष मेहरबानी दिखाते हुए मालवीय की कंपनी को 213 प्रतिशत भुगतान कर दिया।

दूसरे राज्यों में भी मालवीय की कंपनी देती है कंसलटेंसी 

बताया जाता है कि मालवीय की कंपनी का काम एमपी के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान और गोवा जैसे राज्यों में फैला है, एलएन मालवीय की कंपनी सिर्फ PWD नहीं NHAI, PHE, MPRDC, MPRRDA, रेलवे, जल संसाधन विभाग में भी इम्पेनल्ड है, EOW जबलपुर में हुए कथित घोटाले ले अलावा अन्य कार्यों की फ़ाइल भी खंगाल सकती है यदि ऐसा होता है तो फिर घोटाला कई करोड़ का हो सकता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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