Lok Sabha Election 2024 : अब “जनाज़े” पर सियासत, दिग्विजय सिंह ने की इमोशनल पोस्ट

दिग्विजय सिंह ने अमित शाह को जवाब दिया - मुझ पर अमित शाह जी की इतनी कृपा रही और उनका मेरे प्रति इतना प्रेम है कि वो आए और मेरा जनाज़ा निकालने की बात कह गए। यानि मेरी अर्थी बीजेपी के नेता निकालना चाहते हैं और क्यों? क्योंकि मैं आप सबकी चिंता करता हूँ।

Atul Saxena
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Digvijaya Singh

Lok Sabha Election 2024 : सियासत भी अजीब है, यहाँ नेताओं के बयानयुद्ध के बीच कुछ ऐसी बातें निकलकर आ जाती हैं जो सियासी मुद्दा बन जाती हैं, अब कल राजगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करने आये गृह मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं  कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर चुटकी लेते हुए कह दिया कि “आशिक का जनाज़ा है जरा धूम से निकले”, गृह मंत्री के इस बयान के बाद दिग्विजय ने इमोशनल पोस्ट कर इसका जवाब दिया है

गृह मंत्री अमित शाह कल शुक्रवार को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे, उन्होंने गुना लोकसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजगढ़ में पार्टी के वर्तमान सांसद एवं प्रत्याशी रोडमल नागर के लिए वोट अपील की, भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील करते हुए अमित शाह ने कहा कि दिग्विजय सिंह को उनकी शान जितनी बड़ी लीड से हराना, पिछले चुनाव से बड़ी लीड से रोडमल जी को जिताना, दिग्विजय बड़े आदमी है “आशिक का जनाज़ा है जरा धूम से निकले”

दिग्विजय सिंह ने अमित शाह की जनाज़े वाली बात का जवाब इमोशनल पोस्ट से दिया, उन्होंने X पर लिखा- मुझ पर अमित शाह जी की इतनी कृपा रही और उनका मेरे प्रति इतना प्रेम है कि वो आए और मेरा जनाज़ा निकालने की बात कह गए। यानि मेरी अर्थी बीजेपी के नेता निकालना चाहते हैं और क्यों? क्योंकि मैं आप सबकी चिंता करता हूँ। मैं चाहता तो मना कर देता कि चुनाव नहीं लड़ूँगा लेकिन मेरे गृहक्षेत्र की जनता की उपेक्षा ने मुझे यह चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया। मैं आख़िरी दम तक आपके बीच आपकी लड़ाई लड़ता रहूँगा चाहे आप मुझे कंधे पर उठाएँ या सिर आँखों पर बिठाएँ। अब आपकी मर्ज़ी है लेकिन मैं सदैव आप का था और रहूँगा।  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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