भोपाल| मध्य प्रदेश में किसकी सरकार होगी यह आज तय हो जाएगा| प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ गई हैं| सभी 230 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद आज मतों की गिनती की जा रही है| सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम के परिणाम आएंगे। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है। बीतते हर पल के साथ ही फैसले की घडी नजदीक आ रही है| जनता की कसौटी पर कौन खरा उतरता है और जनता ने किसे अपना नेता और किस पार्टी को सरकार के लिए चुना है यह ईवीएम खुलते ही पता चल जाएगा| हर राउंड की गिनती के बाद प्रमाण पत्र उम्मीदवारों को दिए जाएंगे, जिसके चलते नतीजों में देर होगी| लेकिन दोपहर तक स्तिथि साफ़ हो जायेगी| एग्जिट पोल के बाद भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं| अब इन दावों की भी परीक्षा है|
प्रदेश के 52 जिलों में होनी वाली मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है| मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि मतगणना में 15000 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कौन सा कर्मचारी किस विधानसभा क्षेत्र की मतगणना टेबल पर मौजूद रहेगा, ये जानकारी उन्हें मतगणना शुरू होने से कुछ देर पहले दी जाएगी। कर्मचारी सुबह साढ़े पांच बजे ड्यूटी पर पहुंच चुके हैं । मतगणना केंद्र पर 1200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्ट्रांग रूम से लेकर मतगणना टेबल तक ईवीएम के पहुंचने तक के अलावा रिजल्ट की भी रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 230 विधानसभा क्षेत्रों की टेबलों पर 230 आब्जर्वर की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि हर राउंड की मतगणना के बाद आब्जर्वर की निगरानी में रिजल्ट शीट भरी जाएगी। आब्जर्वर और जिला निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर के बाद शीट की फोटोकॉफी प्रत्याशियों को दी जाएगी। सबसे ज्यादा 32 चक्र (राउंड) गिनती इंदौर पांच विधानसभा क्षेत्र में होगी। जबकि, सबसे कम 15 चक्र मतगणना अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा में होगी। हर विधानसभा क्षेत्र में एक वीवीपैट का चयन करके उसकी पर्ची गिनी जाएंगी।
हर जगह एक ही चर्चा ‘अबकी बार किसकी सरकार’
मतदान से पहले और फिर बाद में सभी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं| वहीं गाँव की चौपाल से राजधानी भोपाल तक सिर्फ एक ही चर्चा है अबकी बार किसकी सरकार| सिर्फ प्रत्याशियों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेशवासियों के लिए भी 11 दिसम्बर खास दिन है| दो महीनों से चल रही चुनावी चर्चा आज एक मुकाम पर पहुंचेगी, फिर आगे की चर्चा होगी| इस चुनाव में कई बड़े नेताओं का राजनीतिक करियर दांव पर लगा है| वहीं 15 साल से सत्ता में काबिज भाजपा और सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है, वहीं अन्य दल और निर्दलीय भी किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं| प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, जिनमे से 116 सीट जादुई आंकड़ा है| जो पार्टी इस आंकड़े को छु लेगी वह सरकार बना लेगी, हालाँकि इसके बाद भी कई संभावनाएं हैं जो नतीजों के बाद ही तय होंगे|
मतगणना हॉल में नहीं होगा वाई-फाई नेटवर्क, सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
चुनाव की मतगणना में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग सकता है | चुनाव आयोग ने अपने आदेश में साफ कहा है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे तब तक अगला राउंड शुरू नहीं हो सकेगा. इस वजह से नतीजे आने में देर होगी. | यह फ़ॉर्मूला पांचों राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में लागू होगा| यही नहीं, आगे वाले चुनावों की मतगणना में भी ये ट्रेंड बन सकता है| कांग्रेस की आपत्ति के बाद चुआव आयोग ने इस व्यवस्था को किया है| इसके अलावा मतगणना के समय न वेबकास्टिंग होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा. सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी| चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति के बाद रविवार देर रात यह निर्णय लिया |