मध्यप्रदेश बना देश का पहला राज्य,आयोजित की ICJS पर कार्यशाला, सभी पाँच स्तंभों के वरिष्ठ अधिकारी एक मंच पर आए

इस कार्यशाला का उद्देश्य ICJS के अंतर्गत पुलिस, अभियोजन, न्यायालय, जेल, फॉरेंसिक व स्वास्थ्य विभागों के मध्य डिजिटल समन्वय को सशक्त बनाना तथा क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों और कमियों पर संवाद कर उनके समाधान की रूपरेखा तैयार करना था।

राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB), पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा 22 जून 2025 (रविवार) को “ICJS Implementation and Digital Integration” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे सभागार (मिंटो हॉल), भोपाल में किया गया। यह कार्यशाला अपने स्वरूप और उद्देश्य की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय आयोजन साबित हुई, जिसमें Interoperable Criminal Justice System (ICJS) के अंतर्गत समस्त स्तंभ – पुलिस, न्यायालय, अभियोजन, जेल, फॉरेंसिक एवं स्वास्थ्य –एक ही मंच पर एकत्रित हुए। कार्यशाला में इन विभिन्न स्तंभो के प्रतिनिधियों ने आपसी अनुभवों, व्यावहारिक चुनौतियों तथा समाधान-आधारित विचारों को साझा करते हुए ICJS के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समन्वित रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया।

माननीय हुए शामिल 

उक्त कार्यशाला का आयोजन माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति संजीव सचदेवा, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश कैलाश मकवाना के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, SCRB जयदीप प्रसाद के नेतृत्व तथा उप पुलिस महानिरीक्षक हेमंत चौहान के समन्वय में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति संजीव एस. कलगांवकर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, म.प्र., कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विशेष पुलिस महानिदेशक (अ.अ.वि.) पवन कुमार श्रीवास्तव एवं मंचासीन अतिथि गणों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ICJS के अंतर्गत पुलिस, अभियोजन, न्यायालय, जेल, फॉरेंसिक व स्वास्थ्य विभागों के मध्य डिजिटल समन्वय को सशक्त बनाना तथा क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों और कमियों पर संवाद कर उनके समाधान की रूपरेखा तैयार करना था।

मध्यप्रदेश पुलिस की भूमिका, प्रगति और अपेक्षाएं की साझा 

कार्यशाला में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जोनल ADG/IG, जिला न्यायाधीश, पुलिस अधीक्षक, अभियोजन, जेल, फॉरेंसिक और स्वास्थ्य विभागों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। न्यायमूर्ति संजीव एस. कलगांवकर ने ICJS के अंतर्गत ICJS के विभिन्न पिलर्स द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सीमित संसाधनों में कार्य कर रहे अधिकारियों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की तथा कहा कि ICJS अंतर्गत समस्त पिलर्स ICJS के समस्त दायित्वो एवं अपेक्षाओ को आपसी समन्वय बनाकर पूर्ण करे। अधिवक्ता एवं साइबर लॉ कंसल्टेंट डॉ. निशीथ दीक्षित ने “न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की वैधता” विषय पर एक व्यावहारिक व उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया। विशेष पुलिस महानिदेशक पवन कुमार श्रीवास्तव ने ICJS व नवीन आपराधिक कानूनों की पृष्ठभूमि में मध्यप्रदेश पुलिस की भूमिका, प्रगति और अपेक्षाएं साझा कीं।

सभी ने बताए अपने अनुभव 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) आशुतोष पांडे ने “अभियोजन प्रक्रिया में डिजिटल बदलाव”, ADG चंचल शेखर ने “पुलिस में डिजिटाइजेशन”, और SP देवास पुनीत गेहलोत ने “ICJS पायलट प्रोजेक्ट: देवास अनुभव” विषय पर अपने अनुभव साझा किए। इसके अतिरिक्त, NIC से दीपक कुमार एवं कौशी जान ने डिजिटल एकीकरण पर, स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने MedLeaPR प्रणाली द्वारा स्वास्थ्य एवं पुलिस समन्वय पर, तथा FSL संचालक श्री शशिकांत शुक्ला ने e-Forensic ऐप्लिकेशन पर अपने व्यावहारिक अनुभव प्रस्तुत किए।

निर्णायक उपलब्धि

कार्यशाला के समापन सत्र में प्रतिनिधियों के साथ समूह चर्चा (Group Discussion) आयोजित कर ICJS के क्रियान्वन को लेकर ठोस सुझाव एकत्रित किए गए। “उक्त कार्यशाला में संकलित सुझाव ICJS के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। कार्यशाला में विभिन्न पिलर्स के Experts के द्वारा दिया गया मार्गदर्शन ICJS के सशक्त क्रियान्वयन हेतु ठोस दिशा प्रदान करते हुए, इस पहल को एक निर्णायक उपलब्धि की ओर अग्रसर करेंगे।


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Sushma Bhardwaj

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