भोपाल।
मध्यप्रदेश में इन दिनों बिजली को लेकर जमकर सियासत गर्माई हुई है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार की किरकिरी हो रही है। विपक्ष भी लगातार सरकार का घेराव कर सीएम से इस्तीफे की मांग किए हुए है। वही सोमवार को कैबिनेट में भी बिजली कटौती का मुद्दा गर्माया। सीएम के सामने मंत्रियों ने जमकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि बार बार बिजली कटौती से माहौल खराब हो रहा है।सरकार की छवि धूमिल हो रही है।बीजेपी षड़यंत्र कर रही है।इस पर सीएम कमलनाथ भी भड़क उठे और जल्द से जल्द स्थिति सुधारने की बात कही। इधर आज मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई गई है, जिसमें कटौती को लेकर चर्चा की जाएगी।उम्मीद की जा रही है कि आज मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ बड़ा फैसला ले सकते है।
दरअसल, सोमवार को हुई कैबिनेट में प्रस्तावों की चर्चा के बाद बिजली संकट का मुद्दा छाया रहा। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि बिजली संकट से माहौल खराब हो रहा है। रखरखाव के नाम पर दिन-दिनभर बिजली काटी जा रही है, इसे दिखवाएं।तुलसी सिलावट ने कहा कि भाजपा के समय गांवों में ट्रांसफॉर्मर ही नहीं लगे थे, अब लगे हैं तो पता लग रहा है।पीसी शर्मा ने कहा कि बिल में लिखा जाए कि 100 यूनिट 100 रुपए, इसके ऊपर खपत बढ़ने पर ज्यादा बिल लिया जाए।वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नाम पर भाजपा ने मेंटेनेंस का काम ही नहीं करने दिया और फिर लोकसभा चुनाव आ गए। वहीं, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार की तुलना में कटौती कम हो रही है। इसे हम और कम करने का प्रयास करेंगे।इधर, विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार का जमकर घेराव कर रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार के इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। उन्होंने सरकार पर बिजली बेचकर ख़ज़ाना भरने का आरोप लगाया।
चारों तरफ से घिरी सरकार ने आज मंगलवार को अलग-अलग बिजली कंपनियों के आला अफसर और अधिकारी के साथ बैठक बुलाई है।जिसमें कटौती को लेकर चर्चा की जाएगी। हालांकि इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दे चुके है कि सरप्लस बिजली होने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल व कटौती के मामले सामने क्यों आ रहे हैं? इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, जिम्मेदार अधिकारी स्थिति में सुधार लाएं वरना कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।